नवांशहर। आंगनवाड़ी केंद्रों में पोषण व्यायाम ट्रैक एप्लीकेशन को सुचारू रूप से लागू करवाने, आंगनवाड़ी केंद्रों में लैपटॉप/टैबलेट और वाईफाई कनेक्शन उपलब्ध करवाने तथा फेस रिकॉग्निशन सिस्टम (एफआरएस) और ईकेवाईसी जैसी अनावश्यक शर्तों पर रोक लगाने के लिए आज आंगनवाड़ी वर्कर पंजाब सीटू जिला अध्यक्ष बलजीत कौर ने आंगनवाड़ी वर्करज /हेल्परों ने डीपीओ जगरूप सिंह, एसबीएस नगर के माध्यम से पंजाब सरकार को मांग पत्र भेजा है। इससे पहले सरकार पर तानाशाही के आरोप लगाते हुए झंडे और बैनर लेकर आंगनवाड़ी वर्करज /हेल्परों ने गगनभेदी नारों के साथ अपना दर्द बयां किया।
जिला महासचिव लखविंदर कौर ने कहा कि सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास विभाग ने आंगनवाड़ी वर्करों को बिना जरुरी वस्तुएं व अन्य समान दिए बिना ही काम करने के लिए मजबूर करने का तानाशाही रवैया अपनाया जा रहा है। जिसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने रोष प्रदर्शन को संबोधित करते हुए कहा कि आज देश में भूख की स्थिति पर नजर डालें तो भारत 127 देशों में 105वें नंबर पर है। देश में कुपोषण लगातार बढ़ रहा है। बच्चों में औसत लंबाई दर कम होती जा रही है। महिलाएं और किशोर बड़ी संख्या में एनीमिया से पीड़ित हैं और दूसरी ओर सरकार पोषण के नाम पर पूरक पोषण के वितरण में अनावश्यक शर्तें लगाकर लाभार्थियों को लाभ से वंचित करना चाहती है। उन्होंने कहा कि सरकार बजट बढ़ाने की बजाय पोषण ट्रैक के नाम पर निगरानी करके टेढ़े रास्ते से उन्हें लाभ से वंचित करना चाहती है। मोबाइल केवाईसी और फेस रिकॉग्निशन सिस्टम (एफआरएस) के नाम पर गरीब लोगों की रोजी-रोटी छीनना चाहती है। प्रधानमंत्री मातृत्व बंधन योजना का लाभ जो पहले से ही कई शर्तों के साथ मिल रहा है। साथ ही फेज आईडी को पोषण टेक से जोड़ना भी उन्हें लाभ से वंचित करना है। ये अनावश्यक शर्तें सरकार की नीति और महिला एवं बाल विकास विभाग महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण के प्रति कितना गंभीर है, इसे साफ तौर पर उजागर करती हैं। लखविंदर कौर ने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्र द्वारा दिया जाने वाला पूरक पोषाहार जिसमें खिचड़ी, नमकीन दलिया, मीठा दलिया मुरमुरा शामिल है जो 600 ग्राम प्रतिमाह के हिसाब से आता है और वह आंगनबाड़ी वर्कर्स द्वारा लाभार्थियों को दिया जाना होता है, जिसमें गर्भवती महिलाएं, दूध पिलाने वाली माताएं, शून्य से छह वर्ष तक के बच्चे शामिल हैं और इनमें से 80 प्रतिशत लाभार्थियों के पास मोबाइल फोन नहीं है। अगर किसी के पास है तो आधार लिंक नहीं है और केवाईसी जैसी अनावश्यक शर्तें लगाकर आंगनबाड़ी वर्करों को भी परेशान किया जा रहा है और लाभार्थियों को भी परेशान किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि सत्ता में आने से पहले आम आदमी पार्टी ने पंजाब में सरकार बनने से पहले चुनाव दौरान अपने घोषणापत्र में गारंटी दी थी कि आंगनबाड़ी वर्करों और हेल्परों को दोगुना मानदेय दिया जाएगा। आम आदमी पार्टी के सरकार बनने पर दोगुना मानदेय तो क्या देना था जो मानदेय पहले से दिया जा रहा है वह भी समय पर नहीं दिया जा रहा है। उपरोक्त मांगों तथा नियमितीकरण, न्यूनतम वेतन, सामाजिक सुरक्षा व पेंशन, श्रम संहिता को वापस लेने तथा ग्रेच्युटी पर सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को लागू करने की मांग को लेकर देश की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाएं 9 जुलाई 2025 को हड़ताल पर जाएंगी।