एएम नाथ।शिमला : नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने एचआरटीसी द्वारा जारी की गई नई अधिसूचना पर टिप्पणी करते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश में एचआरटीसी हर दिन जनविरोधी और तुगलकी फैसला ले रही है। बच्चों की साइकिल और शादी विवाह के एल्बम तक का किराया वसूलने के बाद अब 5 किलो के बैग का भी किराया वसूलने जा रही है। एचआरटीसी द्वारा जारी की गई नई अधिसूचना जन विरोधी होने के साथ-साथ हास्यास्पद भी है। सरकार हर दिन एचआरटीसी को लेकर कोई न कोई उपलब्धि बताती रहती है कि सरकार की योजनाओं से इतने करोड़ का फायदा हुआ उतने करोड़ का फायदा हुआ लेकिन स्थित है कि हर दिन एचआरटीसी से सफर करने वाले लोगों को परेशान करने, उन पर आर्थिक बोझ डालने के फैसले ही सामने आते हैं। अब सरकार का फरमान है कि यदि एचआरटीसी से सफ़र करना है तो 5 किलो के बैग के लिए भी किराया देना पड़ेगा। जिस एचआरटीसी का उद्देश्य हिमाचल प्रदेश के लोगों को आरामदायक और सस्ता सफर उपलब्ध कराना है उसे सरकार राजस्व उगाही का जरिया नहीं बना सकती हैं। आम हिमाचली एक जगह से दूसरी जगह सफर करते वक्त छोटे-छोटे कई बैग लेकर यात्रा करते हैं। लोग घर से दूर रह रहे बच्चों से मिलने जाते वक्त क्या-क्या नहीं ले जाकर बच्चों को देना चाहते हैं। जिसमें खाने का सामान, किताबें या और भी महत्वपूर्ण चीज हो सकती हैं उसका किराया वसूलना कहां तक सही है।
जयराम ठाकुर ने कहा कि आए दिन खबरें आती रहती हैं कि एचटीसी की बस यहां हांफ़ गई, वहां हांफ गई, अपने गंतव्य स्थान पर पहुंचने से पहले खराब हो गई, सवारी द्वारा धक्का मार कर बस को गंतव्य स्थान तक पहुंचाया गया। इस रूट पर, उस रूट पर बसों का संचालन बंद हो गया। इसके बाद अगर एचआरटीसी से जो खबरें सामने आती हैं वह सब की सब सरकार की तानाशाही और तुगलकी फरमानों की तरह होती हैं। सरकार एचआरटीसी की सेहत दुरुस्त करने की बजाय बसों का किराया, बसों से ले जाने वाले सामान का किराया आदि बढ़ाने में ही व्यस्त रहती है। इसका प्रदेश के लोगों के साथ-साथ एचआरटीसी को भी नुकसान ही होता है। इस फैसले की वजह से लोग एचआरटीसी की बसों से यात्रा करने से यथा संभव बचेंगे। जिससे एचआरटीसी के राजस्व में कमी आएगी। ऐसी स्थिति पहले भी देखी जा चुकी है जब बुजुर्गों की दवाई, बच्चों के खिलौने, शादी के एल्बम तक के बदले लोगों से किराया वसूला गया हैं। अब फिर सरकार उसी रास्ते पर है जहां पर घर के एक- दो बुजुर्गों के लिए लाए जा रहे दवाई के डिब्बे पर भी किराया वसूला जाए। सरकार इस तरह की गैर जिम्मेदारी और संवेदनहीनता से बाज आए और आम आदमी को परेशान करने वाले फैसले वापस ले।