शिमला : एसएमसी शिक्षक एक बार फिर सड़कों पर उतर आए हैं। शिमला में एसएमसी अध्यापक संघ अनिश्चितकालीन क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं। एसएमसी शिक्षक लगातार अपने लिए स्थाई पॉलिसी की मांग कर रहे हैं। यह शिक्षक बीते 12 सालों से प्रदेश के दूरदराज के इलाके में अपनी सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन इनके लिए सरकार स्थाई पॉलिसी नहीं ला रही है।
इससे पहले 4 अक्टूबर 2023 को एसएमसी शिक्षकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मुलाकात की थी। 30 घंटे के लंबे इंतजार के बाद शिक्षकों की मुलाकात मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से हुई, जिसके बाद मुख्यमंत्री ने इस संदर्भ में कैबिनेट सब कमेटी का गठन किया। इस कैबिनेट सब कमेटी का अध्यक्ष शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर को बनाया गया है, जबकि ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह और लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह को इस कमेटी का सदस्य बनाया गया। मुख्यमंत्री ने एसएमसी शिक्षकों की मांग पर सकारात्मक ढ़ंग से विचार करने का आश्वासन दिया है। अब करीब चार महीने बीत जाने के बाद भी इनकी मांगे पूरी नहीं हुई हैं।
एसएमसी अध्यापक संघ के अध्यक्ष सुनील शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने जल्द मांग उनकी मांगे पूरी करने का आश्वासन दिया था, वह लंबे वक्त से अपने लिए स्थाई पॉलिसी का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन अब तक ऐसा नहीं हो सका है। एसएमसी शिक्षक दूरदराज के इलाकों में अपनी सेवाएं तो देते हैं, लेकिन उन्हें स्कूल में छुट्टियों के वक्त का वेतन तक नहीं दिया जाता। शिक्षकों को केवल 14 हजार रुपये मासिक वेतन मिल रहा है। इन पैसों में घर परिवार का गुजर-बसर करना भी मुश्किल हो रहा है। उन्होंने सरकार से मांग की कि जल्द से जल्द उनके लिए एक स्थाई पॉलिसी लाई जाए और 2 हजार 555 शिक्षकों को स्थाई तौर पर नियुक्ति दी जाए। एसएमसी अध्यापक संघ ने चेताया है कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होगी, वह क्रमिक भूख हड़ताल को खत्म नहीं करेंगे।