कनाडा ने दिया अब झटका : 30 हजार से अधिक डिपोर्ट वारंट जारी, अमेरिका के बाद अब कनाडा भी अवैध प्रवासियों पर सख्त

by

चंडीगढ़ । अमेरिका के बाद कनाडा ने भी अपने यहां अवैध रूप से रह रहे अप्रवासियों के खिलाफ सख्त रुख अपनाना शुरू कर दिया है। कनाडा सीमा सेवा एजेंसी (सीबीएसए) ने देशभर में उन अप्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी है, जिनके वीजा की अवधि समाप्त हो गई है या जिनके शरण आवेदन खारिज कर दिए गए हैं।

30 हजार से अधिक डिपोर्ट वारंट जारी

रिपोर्ट्स के अनुसार, अभी तक 30,000 से अधिक डिपोर्ट वारंट जारी किए जा चुके हैं। इन वारंट्स में बड़ी संख्या उन लोगों की है जो वीजा समाप्त होने के बावजूद कनाडा में गैरकानूनी रूप से रह रहे हैं। खासतौर पर पंजाब से आए युवाओं की संख्या काफी ज्यादा बताई जा रही है, जिससे अब उनमें डर का माहौल बन गया है।

इन श्रेणियों पर हो रही कार्रवाई

कनाडा सरकार की तरफ से जिन प्रवासियों पर कार्रवाई की जा रही है, उनमें निम्न शामिल हैं:

 जिनका क्रिमिनल रिकॉर्ड है।
 जिनकी राजनीतिक शरण की अवधि खत्म हो चुकी है।
 या जो वर्क/स्टडी परमिट समाप्त होने के बावजूद देश में रुके हुए हैं।

इनमें से लगभग 88% लोग ऐसे हैं जिनकी शरण याचिकाएं अस्वीकार हो चुकी हैं और वे अब भी कनाडा में रह रहे हैं।

विदेशी स्टूडेंट्स और टूरिस्ट्स भी रडार पर

सरकार उन अंतरराष्ट्रीय छात्रों पर भी नजर रख रही है जिन्होंने पढ़ाई बीच में छोड़ दी है या फिर नियमों का उल्लंघन किया है। इसके अलावा टूरिस्ट वीजा पर आए ऐसे लोग भी जांच के घेरे में हैं जो तय समय पर अपने देश वापस नहीं लौटे।

डिपोर्ट के बाद वीजा लेने के लिए भरनी होगी भारी फीस

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अगर कोई व्यक्ति डिपोर्ट होने के बाद दोबारा कनाडा का वीजा लेना चाहता है, तो उसे कम से कम 3,800 कनाडाई डॉलर सरकार को चुकाने होंगे। यदि उसे स्पेशल एस्कॉर्ट के जरिए डिपोर्ट किया गया है, तो यह शुल्क 12,800 डॉलर तक हो सकता है।

4.5 लाख से अधिक लोग कार्रवाई की जद में

ताजा आंकड़ों के मुताबिक, 4,57,646 लोग ऐसे हैं जो किसी न किसी चरण में डिपोर्ट प्रक्रिया का सामना कर रहे हैं। इनमें से 27,675 लोग अंतिम चरण में हैं, जबकि 3,78,320 लोग निगरानी में हैं और शरण याचिका के फैसले का इंतजार कर रहे हैं।

शरण याचिकाओं में भारी उछाल

विशेषज्ञों का मानना है कि पिछले 3 वर्षों में कनाडा में शरण मांगने वाले लोगों की संख्या में तेज बढ़ोतरी हुई है। वर्ष 2024 में 20,000 से अधिक याचिकाएं दाखिल की गई हैं, जो वर्ष 2019 की तुलना में 615% ज्यादा हैं। यह आंकड़ा कनाडा की आव्रजन प्रणाली के लिए चिंता का विषय बनता जा रहा है।

Share
  •  
  •  
  •  
  •  
  •  

You may also like

article-image
पंजाब

कतल के मामले में नामजद : जेल में बंद आरोपी को प्रोडक्शन वरंट पर लाई गढ़शंकर पुलिस

गढ़शंकर। अदालत द्वारा भगौड़ा घोषित रोपड़ जेल में बंद एक आरोपी को गढ़शंकर पुलिस पुराने मामले की जांच के लिए प्रोडक्शन वरंट पर लाई है। इंस्पैक्टर करनैल सिंह ने बताया कि थाना गढ़शंकर पुलिस...
article-image
हिमाचल प्रदेश

विधानसभा अध्यक्ष पठानिया से लाहौल स्पीति की नव निर्वाचित विधायक अनुराधा राणा ने की भेंट 

एएम नाथ। शिमला :   हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया  के शिमला कार्यालय में लाहौल स्पीति की नव निर्वाचित विधायक अनुराधा राणा ने शिष्टाचार भेंट की। इस अवसर पर चम्बा विधानसभा क्षेत्र के...
article-image
पंजाब

आदर्श सोशल वैल्फेयर सोसायटी ने 31 लड़कियों की लोहड़ी मनाई: सतीश कुमार सोनी

गढ़शंकर : आदर्श सोशल वैल्फेयर सोसायटी पंजाब द्वारा तहसील गढ़शंकर के गांव कुनैल में संस्थापक अध्यक्ष सतीश कुमार सोनी के नेतृत्व में लड़कियों की लोहड़ी मनाई गई और 31 लड़कियों को लोहड़ी देकर सम्मानित...
article-image
पंजाब

गांव में शादी नहीं कर सकेंगे लड़का-लड़की : मानसा पंचायत का फरमान

मानसा :  गांव जवाहरके में गांव की लड़की द्वारा गांव के लड़के या प्रवासी से विवाह करने पर रोक लगा दी गई है। यदि किसी ने प्रवासी से विवाह किया तो उसे गांव में...
Translate »
error: Content is protected !!