बिजली सब्सिडी छोड़ने की मुख्यमंत्री ने की घोषणा- स्वेच्छा से बिजली सब्सिडी छोड़ने के लिए आगे आएं साधन संपन्न लोगः मुख्यमंत्री सुक्खू

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मुख्यमंत्री ने निजी आवास पर लगे सभी बिजली मीटरों पर मिलने वाली सब्सिडी छोड़ने की घोषणा की
एएम नाथ / रोहित जसवाल। शिमला :  मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज यहां अपने निजी आवास पर लगे सभी बिजली मीटरों पर मिलने वाली सब्सिडी छोड़ने की घोषणा की। उन्होंने इस संबंध में हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड के अध्यक्ष संजय गुप्ता को एक फार्म भर कर सौंपा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके नाम पर पांच बिजली के मीटर हैं और वह सब्सिडी छोड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में ऐसे कई सुविधा संपन्न लोग हैं जिनके नाम पर कई मीटर हैं। उन्होंने सभी को स्वेच्छा से बिजली की सब्सिडी छोड़ने की अपील की।
पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने प्रदेश के समर्थ एवं संपन्न बिजली उपभोक्ताओं से अपील की है कि वे प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए राज्य सरकार के प्रयासों में भागीदार बनें और प्रदेश के विकास के लिए बिजली पर मिलने वाली सब्सिडी का स्वेच्छा से परित्याग करें।
उन्होंने कहा कि इच्छुक बिजली उपभोक्ता हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड द्वारा जारी किए गए विभिन्न माध्यमों से इस सब्सिडी का परित्याग करने के लिए आवेदन कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि उपभोक्ता विद्युत बोर्ड के ऑनलाईन पोर्टल, 1100 या 1912 नंबर पर फोन करके तथा अपने निकट के विद्युत उपमंडल में जाकर सब्सिडी का परित्याग कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश मंत्रिमंडल के सभी सदस्यों और कांग्रेस विधायकों से इस बारे में विस्तृत चर्चा हुई है और सभी ने सब्सिडी छोड़ने पर सहमति जताई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार विद्युत बोर्ड को प्रति वर्ष 2,200 करोड़ रुपए का अनुदान दे रही है।
उन्होंने कहा कि साधन संपन्न लोगों को सब्सिडी नहीं मिलनी चाहिए और उन्हें सब्सिडी छोड़ने के लिए प्रेरित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमें समाज को लौटाना भी आना चाहिए, ताकि गरीबों को उनका हक मिल सके। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जरूरतमंदों को सब्सिडी जारी रखेगी।
उन्होंने कहा कि बिजली बोर्ड के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की पेंशन और वेतन पर 200 करोड़ रुपये प्रति माह खर्च किए जा रहे हैं। राज्य सरकार व्यवस्था परिवर्तन से हिमाचल प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाना चाहती है। उन्होंने कहा कि सरकार के निणयों से प्रदेश की अर्थव्यवस्था पटरी पर आ रही है। प्रदेश सरकार ने इन्वेस्टमेंट ड्रेन को रोका है।
इस अवसर पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल, कृषि मंत्री प्रो. चंद्र कुमार, लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह, उप-मुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया, विधायक हरीश जनारथा, चौधरी राम कुमार, हरदीप बावा, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान, हिमुडा के उपाध्यक्ष यशवंत छाजटा, हिमाचल प्रदेश भवन एवं अन्य निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष नरदेव सिंह कंवर, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर, विद्युत बोर्ड के प्रबंध निदेशक संदीप कुमार और गणमान्य उपस्थित थे।
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