अमृतसर। पंजाब सरकार ने बाढ़ आपदा के बीच नर्सिंग स्टाफ की हड़ताल पर कड़ा कदम उठाते हुए ईस्ट पंजाब एसेंशियल सर्विसेज (मेंटेनेंस) एक्ट 1947 के तहत आदेश जारी कर दिया है।
अब सरकारी मेडिकल कालेजों और उनके साथ जुड़े अस्पतालों में कार्यरत सभी नर्सिंग स्टाफ और अन्य आवश्यक चिकित्सा कर्मियों को तुरंत ड्यूटी ज्वाइन करने के निर्देश दिए गए हैं।
सरकार ने स्पष्ट किया है कि प्रदेश इस समय दशकों की सबसे बड़ी बाढ़ आपदा से जूझ रहा है, लाखों लोग प्रभावित हुए हैं और सरकारी मेडिकल कालेज व अस्पताल प्रमुख चिकित्सा केंद्र के रूप में कार्य कर रहे हैं। बड़ी संख्या में बाढ़ प्रभावित मरीजों को इमरजेंसी, आईसीयू, एनआईसीयू, पीआईसीयू और ऑपरेशन थिएटर जैसी सुविधाओं की जरूरत है।
सरकार ने कहा कि 25 सितंबर से नर्सिंग स्टाफ बिना पूर्व सूचना के हड़ताल पर चले गए, जिससे गंभीर रूप से आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं बाधित हुई हैं। यह स्थिति न सिर्फ स्वास्थ्य सेवाओं को प्रभावित कर रही है, बल्कि आपदा राहत और जनहित के कार्यों में भी रुकावट पैदा कर रही है।
विभाग के प्रमुख सचिव कुमार राहुल की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि सभी नर्सिंग स्टाफ और अन्य चिकित्सा कर्मी बिना देर किए अपनी ड्यूटी पर लौटें और तब तक ड्यूटी से अनुपस्थित न हों जब तक सरकार की ओर से आगे आदेश न आ जाएं। आदेश की अवहेलना करने वालों के खिलाफ सख्त दंडात्मक कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है।
इधर, तालमेल कमेटी पैरा मेडिकल एवं सेहत कर्मचारी यूनियन ने इस आदेश की निंदा की है। यूनियन ने तर्क दिया है कि यदि पंजाब सरकार कर्मचारियों की मांगों को टेबल टाक के जरिए नहीं हल करती तो कर्मचारी संघर्ष करने को मजबूर होंगे।
