लुधियाना : पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा प्रदेश के सरकारी स्कूलों के प्रमुखों तथा शिक्षा अधिकारियों से बैठक की गई। बैठक के दौरान स्कूल प्रमुखों एवं शिक्षा अधिकारियों से पंजाब के शिक्षण ढांचे को सुधारने के लिए किए जाने वाले प्रयासों को लेकर चर्चा की गई। इस मौके पर स्कूलों के प्रमुखों को संबोधित करते हुए भगवंत मान ने कहा कि उनकी काबिलयत में कोई कमी नहीं है पर इंफ्रास्ट्रक्चर के कारण उन्हें माहौल नहीं मिल रहा। उन्होंने कहा कि स्कूल प्रमुखों का सारा दिन तो अफसरों को फाइलें पहुंचाने में ही लग जाता है तो फिर बच्चों की पढ़ाई की तरफ वह क्या ध्यान देंगे।
उन्होंने कहा कि लोगों का सरकारी सुविधाओं पर से भरोसा उठ चुका है। उन्होंने कहा कि पंजाब के स्कूल प्रमुखों को दिल्ली के स्कूलों के दौरे पर ले जाया जाएगा। उन्होंने कहा कि बच्चों में आत्म विश्वास पैदा करना अत्यंत जरुरी है। उन्होंने कहा कि आज की तारीख में 80-90 फीसद नंबरों को नंबर नहीं समझा जा रहा। उन्होंने कहा कि बच्चों में यह प्रतिशतता का चक्कर निकाल कर उनमें विश्वास पैदा करना जरुरी है। यह जरुरी नहीं कि हर बच्चा ही पहले नंबर पर आए। भगवंत मान ने कहा कि वह पहले नंबर पर आने वाले बच्चों को भी यही कहेंगे कि अहंकार नहीं करना।
उन्होंने कहा कि हम सभी ने बच्चों का हौंसला बढ़ाना है। भगवंत मान ने स्कूल प्रमुखों से पूछा कि बच्चों की पढ़ाई के सुधार के लिए क्या किया जा सकता है. उस बारे में उन्हें सुझाव दें। उन्होंने कहा कि इस सिस्टम को बदलना है। भगवंत मान ने कहा कि अब पंजाब के स्कूल प्रमुखों को फिनलैंड, सिंगापुर, आक्सफोर्ड आदि में सरकार के अपने खर्च पर प्रोफैश्नल ट्रेनिंग उपलब्ध करवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि जिन देशों का शिक्षा का सिस्टम श्रेष्ठ है, वहां अध्यापकों को ले जाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि बच्चों के भविष्य के लिए सरकार के पास पैसे कम नहीं हैं। उन्होंने स्कूल प्रमुखों को कहा कि स्कूल के मालिक वह हैं तथा स्कूलों की समस्याएं भी वही हल कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार बेस्ट प्रिंसिपल, बेस्ट टीचर तथा बेस्ट वाइस प्रिंसिपल के अवार्ड शुरु करेगी। उन्होंने कहा कि उनके पास जगह बहुत है तथा स्कूलों के लिए एनआरआई भी मदद करने के लिए तैयार हैं।