डीसी का स्पष्ट संदेश: प्रशासनिक हस्तक्षेप से विद्यालय का माहौल नहीं होगा प्रभावित, सहयोगात्मक साझेदारी के माध्यम से शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार पर जोर
रोहित भदसाली। बिलासपुर, 22 नवंबर : हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के “अपना विद्यालय” कार्यक्रम के अंतर्गत आज उपायुक्त आबिद हुसैन सादिक ने वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला (छात्र), बिलासपुर का निरीक्षण किया। इस अवसर पर उपायुक्त ने शिक्षकों और छात्रों के साथ संवाद करते हुए कार्यक्रम के उद्देश्यों को स्पष्ट किया और शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए सक्रिय भागीदारी का आह्वान किया।
उपायुक्त ने अपने संबोधन में कहा कि “अपना विद्यालय” कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाना है। इस पहल के तहत प्रशासनिक अधिकारियों को अपने-अपने पसंदीदा स्कूलों को गोद लेने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है, ताकि वे विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए सहयोगात्मक साझेदारी को बढ़ावा दे सकें। उपायुक्त ने बताया कि इस कार्यक्रम में किसी भी प्रकार का प्रशासनिक हस्तक्षेप विद्यालय के माहौल को प्रभावित नहीं करेगा, बल्कि यह एक समावेशी और सहकारी दृष्टिकोण पर आधारित होगा।
उपायुक्त ने विशेष रूप से शिक्षा को रोचक और प्रभावी बनाने के लिए गतिविधि आधारित शिक्षण पद्धतियों को अपनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि पारंपरिक शिक्षण विधियों से आगे बढ़ते हुए अब बच्चों को समूह में पढ़ाने और सामूहिक वार्ता के माध्यम से सिखाने का प्रयास किया जा रहा है। यह नया तरीका न केवल शिक्षा को जीवंत और सार्थक बनाता है, बल्कि बच्चों की समझ और रचनात्मकता को भी प्रोत्साहित करता है। समूह गतिविधियों के माध्यम से बच्चों के बीच टीमवर्क और संवाद कौशल का विकास होता है, जो उनकी शैक्षिक क्षमताओं को निखारने में सहायक साबित हो रहा है। शिक्षण प्रक्रिया में बच्चों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने से उन्हें “सीखने, समझने और बढ़ने” के अवसर मिल रहे हैं, जो शिक्षा के आधुनिक और व्यावहारिक स्वरूप को बल देते हैं।
कार्यक्रम के तहत उपायुक्त ने स्वयं बिलासपुर के बॉयज स्कूल को गोद लिया है और कहा कि विद्यालय की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी। उन्होंने अन्य अधिकारियों से भी शीघ्र अपने-अपने पसंदीदा स्कूलों को गोद लेने की अपील की और शिक्षा क्षेत्र में सुधार लाने के लिए सक्रिय भूमिका निभाने का आह्वान किया।
“अपना विद्यालय” कार्यक्रम के तहत, अधिकारी स्कूलों को गोद लेने के बाद विभिन्न पहलें करेंगे, जिनमें कैरियर परामर्श, मार्गदर्शन, अतिरिक्त कक्षाएं, परीक्षाओं की तैयारी और उपचारात्मक शिक्षण शामिल हैं। इन प्रयासों से छात्रों को उनकी शैक्षणिक कमजोरियों को दूर करने में मदद मिलेगी और उनके उज्जवल भविष्य की दिशा में सुधार होगा।
उपायुक्त ने विद्यालय के निरीक्षण के दौरान छठी कक्षा का निरीक्षण किया और ब्लैकबोर्ड पर गणित के सवाल लिखकर बच्चों से हल करने को कहा, जिन्हें छात्रों ने सार्थक और सटीक उत्तर दिए। इस दौरान उन्होंने अध्यापकों को कक्षा में पिछड़ने वाले बच्चों पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया ताकि आने वाले समय में विद्यालय के परिणामों में सुधार हो सके।
इसके अलावा, उपायुक्त ने बताया कि जिला के वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला (छात्र), बिलासपुर और जुखाला स्कूल को राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल के रूप में चयनित किया गया है। इन विद्यालयों के बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करने और उनकी अन्य जरूरतों को पूरा करने के लिए अधिकारियों को आपसी समन्वय से कार्य करने का निर्देश दिया गया।
उपायुक्त ने इस कार्यक्रम को शिक्षा क्षेत्र में एक क्रांतिकारी पहल बताते हुए इसके सफल कार्यान्वयन के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि “अपना विद्यालय” कार्यक्रम से न केवल शिक्षा व्यवस्था में व्यापक सुधार होगा, बल्कि यह छात्रों के उज्जवल भविष्य के निर्माण में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए उपायुक्त ने सभी अधिकारियों से सहयोग की अपील की और इसे शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन के रूप में देखा, जो सभी के सामूहिक प्रयासों से संभव हो सकेगा।