चंडीगढ़ । अवैध माईनिंग मामले की जांच सीबीआई या हाईकोर्ट के सिटिंग जस्टिस से करवाने की मांग जोर पकड़ने लगी है। आम आदमी पार्टी के समक्ष सबसे बढ़ा सवाल माइनिंग पालिसी नहीं लाए जाने का बना है। इसी कारण पंजाब में रेत और बजरी के दाम आसमान छू रहे हैं। रेत-बजरी के एक टिप्पर की कीमत ही लोगों के लिए चिंता का विषय बनी हुई है। क्योंकि 12-15 हजार में मिलने वाला 900 फुट रेत का एक टिप्पर 40 हजार रुपए से कम नहीं है। यहां तक कि अलग अलग जिलों में अपनी अपनी मर्जी का मोल भाव है। बता दें कि पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले आप सरकार ने प्रदेश में हो रही अवैध माइनिंग की रोकथाम के लिए कई दावे और वादे किए थे, लेकिन अभी तक मान सरकार न तो माइनिंग पॉलिसी ला सकी है और न ही हो रही अवैध माइनिंग पर लगाम लगा सकी है। यहां तक कि मान सरकार स्वयं ही अवैध माइनिंग कराने के आरोपों से घिरी है। आप सरकार के खनन मंत्री हरजोत सिंह बैंस पर खनन माफिया के खिलाफ कार्रवाई के बजाय शिकायतकर्ताओं पर झूठे केस दर्ज करने के आरोप लग रहे हैं। इसके अलावा भाजपा ने भी आम आदमी पार्टी पर भ्रष्ट पॉलिसी लाने के आरोप लगाए हैं। रूपनगर के श्री आनंदपुर साहिब व नूरपुरबेदी में हो रहे अवैध खनन मामले में इलाका संघर्ष कमेटी ने भी आरोप लगाए हैं कि पुलिस खनन मंत्री हरजोत बैंस के इशारे पर कमेटी सदस्यों पर ही फिरौती मांगने के झूठे केस दर्ज कर रही है।
चुनावों में अवैध माइनिंग रोकने के दावे कर सत्ता में आए मान ने साधी चुप्पी :
चुनावों के समय आम आदमी पार्टी ने लोगों को अवैध माइनिंग से राहत देने का वादे व दावे कर सत्ता हासिल की थी। लेकिन सरकार को आए हुए 8-9 महीने हो गए हैं, लेकिन आप सरकार की ओर से अभी तक माइनिंग पॉलिसी ही नहीं लाई गई है। सीएम भगवंत मान भी माइनिंग मामले में अब तक चुप्पी साधे हुए हैं। जबकि उनके खनन मंत्री हरजोत बैंस की शह पर ही खनन कराए जाने और विरोध करने वालों पर झूठे केस दर्ज कराने के आरोप हैं। अवैध खनन मामले के हालात अब भी जस के तस बने हैं।