आईफोन से ईडी को कुछ उम्मीदें : केजरीवाल उसका पासवर्ड नहीं बता रहे : ईडी के एप्पल कंपनी से किया संपर्क , एप्पल ने कहा डेटा को रिकवर करने के लिए पासवर्ड की आवश्यकता

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नई दिल्ली  :  दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कई दिनों से ईडी की हिरासत में हैं, लेकिन मीडिया रिपोर्ट के अनुसार तमाम प्रयासों के बावजूद जांच अधिकारी उनसे विशेष कुछ निकलवा नहीं पाए हैं।अब केजरीवाल के आईफोन से ईडी को कुछ उम्मीदें है, लेकिन केजरीवाल उसका पासवर्ड नहीं बता रहे हैं। अब  है, लेकिन एप्पल का कहना है कि किसी भी डेटा को रिकवर करने के लिए पासवर्ड की आवश्यकता होगी। यही नहीं तकनीकी विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि आईफोन से पासवर्ड मिलने के बाद भी सभी डेटा को हासिल करना बहुत मुश्किल है। जानते हैं आई फोन में डेटा सबंधी सुरक्षा फीचर और कितनी संभावना है जानकारी हासिल करने की?

केजरीवाल का आईफोन :   एक अंग्रेजी दैनिक के अनुसार ईडी को केजरीवाल के निजी कंप्यूटर या डेस्कटॉप से कोई सबूत हासिल नहीं हुआ है। लेकिन मुख्यमंत्री आवास से चार मोबाइल फोन जब्त किए गए हैं। उनमें से एक आईफोन, जो कि मुख्यमंत्री का निजी फोन है, पहले ही बंद कर दिया गया था और अभी तक उसका पासवर्ड नहीं मिल पाया है।

केजरीवाल ने जांच एजेंसी को कहा है कि वह लगभग एक साल से इस फोन का इस्तेमाल कर रहे हैं और 2020-2021 में शराब नीति का मसौदा तैयार करने के समय के दौरान उन्होंने जिस फोन का इस्तेमाल किया था, वह अब उनके पास नहीं है। नए फोन के बारे में मुख्यमंत्री का यह कहना है कि वह इसलिए पासवर्ड नहीं दे सकते कि उनके फोन डेटा में आम आदमी पार्टी (आप) की चुनावी रणनीति और चुनाव पूर्व गठबंधनों के बारे में जानकारी है और वह इसे किसी और के साथ साझा नहीं कर सकते।

एफबीआई ने डेटा कैसे निकाला :   तकनीकी जानकारों का कहना है कि आईफोन का डेटा तब तक नष्ट नहीं होता जब तक कि इसे अन्य डेटा द्वारा डिस्प्लेस न किया जाए। यदि आप डिवाइस को फ़ैक्टरी सेटिंग्स पर पुनर्स्थापित करते हैं तो संभव है कि कुछ डेटा प्राप्त हो जाए।

आईफोन पर स्टोरेज एन्क्रिप्टेड है, जब इसे डिस्प्लेस करते हैं तो एन्क्रिप्शन कुंजी ट्रैश हो जाती है और एक नई कुंजी उत्पन्न हो जाती है। अब मूल कुंजी के बिना फ़ोन की सामग्री प्राप्त नहीं की जा सकती। हालांकि अमेरिकी एजेंसी एफबीआई ने आईफोन 5 से डेटा एक्सेस करने में सफलता हासिल की थी लेकिन उसके लिए उन्हें $900,000 डॉलर से अधिक खर्च करना पड़ा था।

क्या संभावनाएं हैं डाटा रिकवरी की :   हालाँकि, यह ध्यान रखना भी महत्वपूर्ण है कि मौजूद समय में प्रवर्तन एजेंसियों के पास विशेष डेटा रिकवरी के लिए उन्नत फोरेंसिक तकनीकें उपलब्ध हैं, जो संभावित रूप से मिटाए गए कुछ डेटा को फिर से प्राप्त कर सकते है। हाँ इसके लिए विशेष उपकरण और विशेषज्ञता की आवश्यकता है। लेकिन साथ में डेटा मिटाने के भी कई टूल्स हैं और एक बार डेटा मिटा दिए जाने के बाद उसे आसानी से एक्सेस नहीं किया जा सकता है। जैसे डिवाइस को एन्क्रिप्टेड करके डेटा सुरक्षा की एक अतिरिक्त दीवार मिल जाती है।

आईफोन से डाटा रिकवर करने वाले अधिकांश सॉफ़्टवेयर, कंप्यूटर के बैक अप से सामग्री प्राप्त करते हैं। इस क्षेत्र में ड्राइव सेवर्स जैसी कंपनी ठीक काम कर रही हैं। लेकिन ये डेटा निकालने के लिए हजारों डॉलर चार्ज करती हैं। एप्पल का खुद ही कहना है कि फोन में मौजूद डेटा को पूरी तरह से रिकवर करने की संभावना निश्चित रूप से नहीं बनती, क्योंकि डेटा रिकवरी की संभावना कई कारकों पर निर्भर करती है।

डाटा मिटाने के कई टूल्स :  फ़ैक्टरी रीसेट आईफोन डिवाइस पर मौजूद सभी डेटा को मिटा देता है, जिसमें ऐप्स, सेटिंग्स और व्यक्तिगत डेटा भी शामिल हैं। यह एन्क्रिप्शन कुंजी को भी हटा देती है, जिससे पारंपरिक रिकवर विधियों का उपयोग करके डेटा को एक्सेस करना लगभग असंभव हो जाता है। केवल कुछ एक्सपर्ट ही विशेष डेटा रिकवर सॉफ़्टवेयर या सेवाओं का उपयोग कर फ़ैक्टरी रीसेट से कुछ डेटा एक्सेस कर सकते हैं।

इसकी संभावना भी इस बात पर निर्भर करती है कि रीसेट किए कितना समय बीत चुका है, डिवाइस की भंडारण क्षमता और डिवाइस के हार्डवेयर की स्थिति क्या है। इसमें भी सभी डेटा को रिकवर करना संभव नहीं है। केवल आंशिक डेटा ही रिकवर कर सकते हैं। आजकल आईफोन में डेटा को एन्क्रिप्ट करने, डेटा मिटाने वाले टूल का भी उपयोग होता है। नए जेनेरेशन के आई फोन में सब कुछ एक कुंजी के साथ एन्क्रिप्ट किया गया है जो फोन रीसेट होने पर ऑन-डिमांड डेटा को डिक्रिप्ट करने के लिए उपयोग की जाती है, लेकिन फ्लैश मेमोरी में मूल डेटा एन्क्रिप्टेड रहता है। जब इसकी फ़ैक्टरी रीसेट करते हैं, तो यह उस एन्क्रिप्शन कुंजी को ही मिटा देता है। फिर फ़ैक्टरी रीसेट में केवल कुछ क्षण लगते हैं, और फिर उससे कुछ भी प्राप्त नहीं किया जा सकता, क्योंकि एन्क्रिप्शन कुंजी ही चली जाती है। एप्पल ने ऐसा फोरेंसिक कंप्यूटर विशेषज्ञों और एप्पल कंप्यूटर इंजीनियरों के कौशल से ही आईफोन में यह फीचर डाला है।

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