कार सवार पीएसआईटी के चार बीटेक छात्रों और ड्राइवर की मौके पर ही मौत हो गई। इसमें दो छात्राएं भी थीं। उनके शव क्षत-विक्षत हो गए। भौंती हाईवे के पास एलिवेटेड रोड पर हुए इस भीषण हादसे के बाद बस कुछ देर ही कार सवारों की चीखें सुनाई दीं। फिर सब शांत हो गए।
40 मिनट तक कटर से कार की छत और दरवाजे काटने के बाद शव दिखने शुरू हुए। डंपर और ट्रॉला के चालकों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। सोमवार सुबह 8:30 बजे के बाद हुए इस हादसे की वजह से हाईवे पर करीब तीन घंटे जाम लगा रहा।
हादसे ने छीन लिए भविष्य के चार इंजीनियर : दर्दनाक हादसे ने भविष्य के चार इंजीनियरों को छीन लिया। हादसा इतना भयावह था कि कार चालक विजय साहू और छात्र प्रतीक के शव तो क्षत विक्षत हो गए थे। दोनों के पूरे शरीर पर एक दर्जन से अधिक चोटें पाई गई। चेहरा भी पहचान में नहीं आ रहा था।
प्रत्यक्षदर्शी जुगराजपुर निवासी विश्वास शुक्ला ने बताया कि वह कल्याणपुर जा रहे थे, तभी देखा कि दो ट्रकों के बीच कार फंसी हुई थी। उसने बताया कि सात से आठ मिनट तक चीख पुकार मची रही, लड़के और लड़कियों की चीखें सुनाई देती रही। इसके बाद कार से आने वाली चीखें बंद हो गई। किसी को इतना भी वक्त नहीं मिला की मोबाइल तक उनके हाथ भी पहुंच पाते।
डंपर के पीछे घुसी छात्रों की कार को ट्रॉला ने इतनी जोर की टक्कर मारी थी कि करीब सात फीट की ऑल्टो पिचक कर लोहे का टुकड़ा बन गई। कार में कितने लोग और कौन बैठा था, यह पहचानना मुश्किल था। बचाव कार्य में जुटी पुलिस व दमकल की टीमों ने करीब 40 मिनट तक कटर से कार छत और दरवाजों को काटा, तब जाकर छात्रों और चालक के शवों को बाहर निकाला।
इसके बाद पीछे बैठी आयुषी पटेल और ग्रे जींस व चेकदार शर्ट पहने सतीश कुमार के शव काफी मशक्कत के बाद निकाले जा सके। सभी शव कांच के टुकड़े घुसने से छलनी हो चुके थे। सरिया लदे ट्राॅला को दो हाइड्रा क्रेन की मदद से किनारे खड़ा कराया गया।
दोनों डंपरों के चालकों की गिरफ्तारी का प्रयास किया जा रहा है। मामले में गैर इरादतन हत्या समेत अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है।