भारत के वांटेड आतंकी अर्शदीप गिल ने कनाडा की कोर्ट में जमानत याचिका दायर की है. उसके वकीलों ने अदालत में आवश्यक दस्तावेज पेश किए हैं. अर्शदीप अंग्रेजी ठीक से नहीं समझ पाता इसलिए उसे ट्रांसलेटर की अनुमति दी गई है. अर्शदीप सिंह की जमानत के लिए उसके वकील लगातार कोशिश कर रहे हैं.
बता दें कि, खालिस्तानी आतंकवादी और इंडिया के मोस्ट वांटेड गैंगस्टर अर्श डाला को पुलिस ने पकड़ लिया है. वो पिछले चार साल से अपनी पत्नी के साथ कनाडा में रह रहा है. वहां से हिंदुस्तान विरोधी आतंकी और आपराधिक गतिविधियों को अंजाम दे रहा है. देश के दुश्मन उसके अजीज दोस्तों में शामिल हैं. इनमें खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर का नाम प्रमुख है, जिसकी हत्या हो चुकी है. एक वक्त था जब वो गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का बहुत करीबी था, लेकिन अब दोनों एक-दूसरे के जानी दुश्मन हैं. वो एनआईए, दिल्ली पुलिस और पंजाब पुलिस की मोस्ट वांटेड लिस्ट में सबसे उपर है. उसके 700 से ज्यादा शूटर्स हिंदुस्तान में सक्रिय हैं.
सामने आया है कि खालिस्तानी आतंकी हरदीप निज्जर की हत्या के बाद अर्श डाला ही आतंकी संगठन टाइगर फोर्स को लीड कर रहा है. निज्जर के साथ मिलकर उसने अपने स्लीपर सेल नेटवर्क से पंजाब में टारगेट किलिंग की कई वारदातों को अंजाम दिलवाया था. उसकी गिरफ्तारी के कई मायने निकाले जा रहे हैं. इनमें एक बात ये भी सामने आ रही है कि कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई की बढ़ती सक्रियता और उसके खौफ से अर्श डाला को बचाने की कोशिश की जा रही है.
सभी जानते हैं कि एक वक्त जिगरी यार रहे अर्श और लॉरेंस के बीच अब बहुत गहरी दुश्मनी हो चुकी है. दोनों का गैंग एक-दूसरे के खून का प्यासा है. लेकिन कनाडा में लॉरेंस बिश्नोई गैंग की मजबूत स्थिति को देखते हुए अर्श डाला की जान को खतरा बढ़ गया था. लॉरेंस बिश्नोई का दुश्मन है अर्श गैंगस्टर सुखदूल सिंह उर्फ सुक्खा दुनुके की हत्या के बाद से ही लॉरेंस बिश्नोई और अर्श डाला के बीच दुश्मनी गहरी हो गई. दोनों एक-दूसरे के जान के प्यासे हो गए. हालांकि, डाला ने अपना नेटवर्क कनाडा, अमेरिका, दुबई, पाकिस्तान, भारत, यूरोप, फिलीपींस, थाईलैंड से लेकर मिडिल ईस्ट तक फैला लिया है. एनआईए की चार्जशीट के मुताबिक, वो कनाडा में बैठे गैंगस्टर गौरव पटियाल उर्फ सौरव ठाकुर के साथ मिलकर टेरर-गैंगस्टर का नेटवर्क चलाता है. फिलहाल वो कनाडा पुलिस की गिरफ्त में है. इसे अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के आने का असर माना जा रहा है.