नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में अब कुछ ही दिन बाकी हैं, और चुनावी नतीजे 8 फरवरी को सामने आएंगे। यह चुनाव आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच करीबी मुकाबले के रूप में सामने आ रहे हैं, और ताजा सर्वेक्षणों ने इस मुकाबले को और भी रोमांचक बना दिया है।
2020 के मुकाबले 2025 की नई स्थिति
2020 में आम आदमी पार्टी ने ऐतिहासिक जीत हासिल की थी और 62 सीटों पर कब्जा किया था। इस बार हालांकि, आप को सत्ता विरोधी लहर का सामना करना पड़ सकता है, जो उसके वोट शेयर में कमी ला सकता है। इस बार दिल्ली में बुनियादी ढांचे और जनहित से जुड़ी कुछ समस्याओं को लेकर जनता में असंतोष भी देखा जा रहा है। यदि आप का वोट शेयर 6 से 7 प्रतिशत घटता है, तो इसका सीधा असर उनकी सीटों पर भी पड़ सकता है।
आप और भाजपा में कांटे की टक्कर
हालिया सर्वेक्षणों के मुताबिक, आम आदमी पार्टी को 36 से 38 सीटों के बीच जीत मिल सकती है, जबकि भाजपा का आंकड़ा 31 से 33 सीटों के बीच रहने का अनुमान है। इसका मतलब यह है कि भाजपा को इस चुनाव में कुछ सीटों में इजाफा हो सकता है, जबकि आप को पहले के मुकाबले थोड़ा नुकसान हो सकता है। हालांकि, आप का नेतृत्व इस बार भी मजबूत दिख रहा है, और यह पूरी तरह से तय नहीं है कि अंततः किसकी जीत होगी।
कांग्रेस की स्थिति
इस बार कांग्रेस के लिए दिल्ली चुनाव में कुछ खास उम्मीदें नहीं हैं। पार्टी को महज एक सीट मिलने का अनुमान है, जो उसके राजनीतिक परिदृश्य में कमजोर स्थिति को दर्शाता है। कांग्रेस के लिए दिल्ली में वापसी करना अब मुश्किल हो सकता है।
क्या कह रहे विश्लेषक?
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि दिल्ली में इस बार मुकाबला ज्यादा कड़ा होने वाला है। दिल्ली के मतदाता अब पहले से ज्यादा जागरूक और सतर्क हो गए हैं। उनका वोट पार्टी के कार्य और नीतियों पर आधारित होगा। जहां एक ओर आप अपने 10 साल के कार्यकाल को लेकर सवालों का सामना कर रही है, वहीं भाजपा अपनी रणनीतियों और प्रचार के जरिए सीटों में बढ़ोतरी करने की कोशिश कर रही है।