गढ़शंकर : आम आदमी पार्टी सरकार पर 8,500 करोड़ रुपये का नया कर्ज लेकर पंजाब की वित्तीय स्थिति को और बदतर कर दिया है। यह शब्द वाटर सप्लाई सीवरेज बोर्ड पंजाब की पूर्व डायरेक्टर विधायक सरिता शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान की अगुवाई वाली आम आदमी पार्टी सरकार की पंजाब को कर्ज के मकड़जाल में धकेलने के लिए कड़ी निंदा की। उन्हीनों कहा कि आप सरकार ने जुलाई से सितंबर 2025 के बीच अतिरिक्त 8,500 करोड़ रुपये उधार लेने की योजना बना रही है। जिससे पहले से ही 3.82 लाख करोड़ रुपये के कर्ज में और बढ़ोतरी होगी। आप सरकार पर वित्तीय कुप्रबंधन का आरोप लगाते हुए सरिता शर्मा ने कहा कि यह नया कर्ज वित्तीय वर्ष की दूसरी तिमाही के लिए हर दिन 92 करोड़ रुपये की दर से है। मुख्यमंत्री भगवंत मान मीडिया अभियानों और राजनीतिक ड्रामे से लोगों का ध्यान भटका रहे हैं। वहीं उनकी सरकार चुपचाप पंजाब को कर्ज के जाल में धकेल रही है। केवल तीन वर्षों में आप सरकार ने पंजाब के कर्ज में 1 लाख करोड़ रुपये की वृद्धि की है, जो मार्च 2024 तक 3.82 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है और मार्च 2026 तक 4 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने की संभावना है। यह हर पंजाबी के साथ विश्वासघात है। सरिता शर्मा ने 2022 के चुनाव अभियान के दौरान आप के वादों का जिक्र करते हुए कहा कि जहां पार्टी कन्वीनर अरविंद केजरीवाल ने बजट घाटे को समाप्त करने और भ्रष्टाचार और अवैध रेत खनन पर अंकुश लगाकर 64,000 करोड़ रुपये बचाने का दावा किया था। लेकिन अब सवाल पैदा होता है कि यह फंड कहां है? राजस्व उत्पन्न करने के बजाय आम आदमी पार्टी अपनी विफलताओं को कवर करने के लिए जुलाई में 2,000 करोड़ रुपये, अगस्त में 3,000 करोड़ रुपये और सितंबर में 3,500 करोड़ रुपये उधार ले रही है। पंजाब का ऋण-जीडीएसपी अनुपात अब भारत में दूसरा सबसे अधिक है। जो एक ऐसे राज्य को चिह्नित करता है जो दिवालियापन के कगार पर है। उन्होंने सरकार पर कृषि, सार्वजनिक कार्यों और शिक्षा जैसे प्रमुख क्षेत्रों में विकास परियोजनाओं को रोकने का आरोप लगाया और आरोप लगाया कि बढ़ते कर्ज को चुकाने के लिए धन का दुरुपयोग किया जा रहा है। उन्होंने कहा आप सरकार के पास इस भारी कर्ज की भरपाई के लिए कोई नया बुनियादी ढांचा या योजना नहीं है। पंजाबियों पर प्रति व्यक्ति औसतन 1.33 लाख रुपये का कर्ज है, जिसका कोई ठोस लाभ नहीं मिल रहा है। उन्होंने तत्काल जवाबदेही की मांग करते हुए पंजाब के वित्त का केंद्रीय ऑडिट कराने की मांग की और आप सरकार से सार्वजनिक योजनाओं के लिए कर्ज पर निर्भर रहना बंद करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि पंजाब के लोग पारदर्शिता के हकदार हैं, कर्ज में डूबे भविष्य के नहीं। मान सरकार को तुरंत अपनी गलत नीतियों को बदलना चाहिए और सतत राजस्व सृजन को प्राथमिकता देनी चाहिए। पंजाब का भविष्य दांव पर है और हमें इसे बचाने के लिए अभी से काम करना चाहिए।
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