चंडीगढ़। चंडीगढ़ में हरियाणा का विधानसभा परिसर बनाने के फैसले का आम आदमी पार्टी ने कड़ा विरोध किया है। आप विधायक और पूर्व में अनमोल गगन मान ने बुधवार को कहा कि 1966 में जब हरियाणा को पंजाब से काटकर अलग राज्य बनाया गया था, उस समय वादा किया गया था कि कुछ वक्त बाद चंडीगढ़ पंजाब को सौंप दिया जायेगा।
हरियाणा जब तक अपनी अलग राजधानी नहीं बना लेता, तब तक चंडीगढ़ केंद्र शासित प्रदेश रहेगा। लेकिन आज 58 साल हो गये चंडीगढ़ पंजाब को नहीं सौंपा गया। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ सिर्फ पंजाब का ही है। इस पर पूरी तरह पंजाब का अधिकार है क्योंकि इसे पंजाब के 22 गांवों को उजाड़कर बनाया गया था। यहां हरियाणा का विधानसभा बनाने का पूरी तरह पंजाब विरोधी है।
गगन ने आंध्र प्रदेश और तेलंगाना का उदाहरण दिया और कहा कि 2014 में जब आंध्र से काटकर तेलंगाना को बनाया गया, उसी वक्त यह तय कर दिया गया कि हैदराबाद तेलंगाना की राजधानी होगी। फिर आंध्रप्रदेश अमरावती में अपनी नयी राजधानी स्थापित करने का फैसला किया। इस साल के बजट में मोदी सरकार (Modi government) आंध्र प्रदेश की नयी राजधानी के लिए 15 हजार करोड़ रुपये देने की घोषणा की थी और अगले कुछ सालों में कुल 50 हजार करोड़ रुपये देने का वादा किया है।
उन्होंने कहा कि जब आंध्र प्रदेश और तेलंगाना पर तुरंत फैसला हो सकता है, उसे आर्थिक मदद मिल सकती है, फिर पंजाब के साथ ऐसा भेदभाव क्यों किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हरियाणा का विधानसभा चंडीगढ़ में इसलिए बनाया जा रहा है, ताकि चंडीगढ़ पर उसका पक्के तौर पर अधिकार कायम हो जाये। यह पंजाब के खिलाफ एक बड़ी साज़िश है। हम इसके खिलाफ हर मोर्चे पर लड़ाई लड़ेंगे।
आप नेता ने भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस पर इस मामले को जानबूझकर वर्षों लटकाने का आरोप लगाया और कहा कि पिछले 58 सालों के दौरान कई बार ऐसा हुआ कि भाजपा और कांग्रेस की केंद्र पंजाब और हरियाणा तीनों जगहों पर सरकार रही।