माहिलपुर – एक तरफ पूरी दुनिया कोरोना सक्रमण बीमारी के कारण सहमी हुई है और इससे लोगों को बचाने के सरकारों को लॉक डाउन व कर्फ्यू लगाना पड़ गया था और इस खतरनाक बीमारी के शिकार मरीजों का ऑक्सीजन स्तर कम होने के कारण मौत तक हो जाती है। देश की सरकार इस बीमारी से ग्रस्त मरीजों को कुत्रिम ऑक्सीजन उपलब्ध कराने के लिए प्रबंध किए जा रहे हैं और लोगों में ऑक्सीजन उपलब्ध कराने वाले पेड़ो के सरक्षण के लिए जागरूक हो रहे है ताकि लोगों का ऑक्सीजन स्तर कुदरती तौर पर बना रहे। दूसरी ओर शनिवार को यहां पर्यावरण दिवस के रूप में मनाया जा रहा है वही ऐसे लोग भी है जो अपने व्यवसायक फायदे के लिए वर्षो पुराने पेडो को धड़ाधड़ कटवा रहे हैं जबकि उन पेडों के काटे जाने को डिप्टी कमिश्नर द्वारा अपराध की श्रेणी में रखा गया है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है चब्बेवाल कस्बे के यहां एक महिला द्वारा अपनी जगह पर लगे 70-80 वर्ष पुराने आम के पेड़ कटवा दिए गए जिसपर आम के फल लगे हुए थे। आम के पेड़ काट रहे मजदूरों ने बताया कि उन्होंने सुबह ही पेड़ काटने के लिए कहा गया था और यह काम एक दिन में हो जाये इस लिए विशेष रूप से कहा गया है। 20-25 मजदूर आम के पेडो को काट कर उसे साथ ही वाहनों में भर रहे थे। लोगों का कहना है कि पेड़ को इतनी तेजी से काटा जाना यह साबित करता है कि वह इनका नाम निशान छोड़ना नही चाहते ताकि प्रशासनिक करवाई से बचा जा सके। लोगों का कहना था कि विश्व पर्यावरण दिवस पर आम के पेड़ काट देना गलत है इसलिए इनपर करवाई होनी चाहिए। वही वनरेंज अधिकारी संजीव कुमार से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मंजूरी ले कर पेड़ काट रहे हैं लेकिन वह यह नही बता पाए कि कैसे मंजूरी मिली।
मंजूरी मिली है….
इस संबंध में मजदूरों द्वारा दिए गए नंबर पर बात की गई तो गोबिंद चड्डा नाम के व्यक्ति ने बताया कि उन्होंने मंजूरी ली है लेकिन वह यह नही बता पाए कि पेड़ की हालत क्या बता कर मंजूरी ली थी उन्होंने कहा कि उन्होंने वहां दुकानें बनानी है इस लिए पेड़ काटे गए हैं।
आम के हरे भरे 80 वर्ष पुराने पेड़, विश्व पर्यावरण दिवस पर कटे, डिप्टी कमिश्नर द्वारा जारी आदेश अनुसार आम के हरे भरे पेड़ को काटना जुर्म।
Jun 05, 2021