पंजाब सरकार ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर कहा है कि खालिस्तान समर्थक अमृतपाल को सांसद पद की शपथ लेने के लिए पैरोल दी जानी चाहिए। यूएपीए के तहत गुवाहाटी जेल में बंद अमृतपाल ने इस बार खडूर साहिब से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव जीता है। पूर्व सांसद और अमृतपाल के प्रवक्ता राजदेव सिंह खालसा ने बताया कि अमृतपाल की पैरोल के लिए अमृतसर के जिला मजिस्ट्रेट के समक्ष याचिका दायर की गई है।
खालसा ने कहा, मजिस्ट्रेट ने यह याचिका पंजाब के गृह सचिव को भेजी और उसके बाद इसे लोकसभा अध्यक्ष के पास भेजा गया है। उन्होंने कहा, निर्वाचित सदस्य को 60 दिनों के भीतर शपथ लेनी होती है। हालांकि, अब तक लोकसभा ने कोई कार्रवाई नहीं की है। पंजाब से चुने गए कुल 13 सांसदों में से 12 ने शपथ ले ली है। वहीं, जम्मू-कश्मीर के बारामुल्ला से सांसद इंजीनियर राशिद शपथ नहीं ले सके। हालांकि, अब एनआईए ने उन्हें शपथ लेने के लिए पैरोल देने पर सहमति जताई है।
हिरासत से मिलेगी अस्थायी रिहाई : अमृतपाल के वकील के अनुसार, सिंह ने सांसद के रूप में शपथ लेने के लिए हिरासत से अस्थायी रिहाई के लिए 11 जून को पंजाब सरकार को पत्र लिखा था। ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन का प्रमुख सिंह वर्तमान में एनएसए के तहत अपने नौ सहयोगियों के साथ असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद है। अमृतपाल सिंह ने निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ा और 404430 वोट हासिल किए। उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार कुलबीर सिंह जीरा को 1,97,120 वोटों के अंतर से हराया। सिंह को पिछले साल 23 अप्रैल को पंजाब के मोगा के रोडे गांव में एक महीने से अधिक समय तक चले तलाशी अभियान के बाद गिरफ्तार किया गया था। खालिस्तान समर्थक सिंह 18 मार्च को जालंधर जिले में पुलिस हिरासत से अपना वाहन और हुलिया बदलकर फरार हो गया था।