नई दिल्ली : दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ चंडीगढ़ के मेयर चुनाव में हुई कथित कथित धोखाधड़ी के विरोध भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ प्रदर्शन किया। दोनों ने दिल्ली में भाजपा मुख्यालय सामने विरोध प्रदर्शन किया।
इस दौरान केजरीवाल ने कहा कि चंडीगढ़ में हमारी पार्टी का मेयर बने या भाजपा का, हमें फर्क नहीं पड़ता। पार्टियां आती-जाती रहती हैं, लेकिन देश के साथ खिलवाड़ नहीं होना चाहिए। भाजपा ने चुनाव के साथ खिलवाड़ करना शुरू कर दिया है। अगर भाजपा चंडीगढ़ मेयर जैसे छोटे चुनाव में इतनी बड़ी गड़बड़ी कर सकती है, तो लोकसभा चुनाव में पता नहीं क्या करेंगे। ये सत्ता के लिए देश को भी बेच सकते हैं। चंडीगढ़ का चुनाव दिखाता है कि इनके पाप का घड़ा भर गया। जब पाप का घड़ा भर जाता है तो प्रकृति अपनी झाड़ू चलाती है।
आप कार्यकर्ताओं को दिल्ली आने से रोकने का आरोप केजरीवाल और आप नेताओं ने पुलिस पर प्रदर्शनकारियों को दिल्ली आने से रोके जाने का आरोप लगाया। केजरीवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा- दिल्ली में आप के विधायकों, पार्षदों और कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया जा रहा हैं। ये लोग पार्टी कार्यालय आ रहे थे। ये क्या हो रहा है?
दिल्ली में प्रदर्शन को लेकर पंजाब के मुख्मंत्री भदवंतस मान वे लगातार ट्वीट करते हुए लिखा कि BJP वाले किसी गलतफहमी में न रहें। यह सिर्फ फोटो खिंचवाने या फिर टीवी पर तख्तियां दिखाने वाला कार्यक्रम नहीं है। हम जब कुछ करते हैं तो उसे फिर अंजाम तक पहुंचाते हैं। सुप्रीम कोर्ट में चंडीगढ़ में मेयर का चुनाव रद भी होगा और फिर चंडीगढ़ हमारे पास भी होगा। यदि BJP वालों की नियत साफ होती तो यह कुछ करने की आज नौबत न आती। बहु संख्या में पहुंचने वालों का नाम इतिहास के पन्नों पर लिखा जाएगा…जब लोकतंत्र खतरे में था और अंतिम सांसे ले रहा था तो उस वक्त ऑक्सीजन देने का काम किसने किया था।
दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने अपने पोस्ट में लिखा- कोंडली विधायक कुलदीप कुमार के ऑफिस के बाहर पुलिस की गाड़ी खड़ी है, ताकि उन्हें विरोध प्रदर्शन में शामिल होने से रोका जा सके। क्या अब शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन में भाग लेना अपराध है?
ईडी का केजरीवाल पांचवें समन के बाद भी पेश नहीं हुए : केजरीवाल शराब नीति मामले में शुक्रवार (2 फरवरी) को भी प्रवर्तन निदेशालय के सामने पांचवें समन पर भी पेश नहीं हुए। शराब घोटाला मामले में ईडी केजरीवाल को 17 जनवरी, 3 जनवरी, 21 दिसंबर और 2 नवंबर को 4 समन भेज चुकी है। केजरीवाल अब तक एक बार भी पेश नहीं हुए। इसी केस में दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और आप सांसद संजय सिंह जेल में हैं। इधर, AAP ने कहा है कि ईडी का समन गैरकानूनी है। प्रधानमंत्री का लक्ष्य अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार करवाना और दिल्ली सरकार को गिराना है। हम ऐसा नहीं होने देंगे। इससे पहले केजरीवाल ने 17 जनवरी को कहा था कि भाजपा मुझे गिरफ्तार करवाना चाहती है, ताकि मैं लोकसभा चुनाव में प्रचार न कर सकूं।
ईडी को गिरफ्तारी का अधिकार, केजरीवाल कोर्ट जा सकते : कानून के जानकारों के अनुसार, सीएम केजरीवाल के बार-बार पेश नहीं होने पर ईडी उनके खिलाफ जमानती वारंट जारी कर सकती है। उसके बाद भी पेश नहीं हुए तो धारा 45 के तहत गैर जमानती वारंट जारी कर सकती है। प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के जानकार बताते हैं कि पेश नहीं हो पाने की ठोस वजह बताई जाती है तो ईडी समय दे सकती है। फिर दोबारा नोटिस जारी करती है। PMLA एक्ट में नोटिस की बार-बार अवहेलना पर गिरफ्तारी हो सकती है। अगर सीएम केजरीवाल आगे पेश नहीं होते तो जांच अधिकारी आवास पर जाकर पूछताछ कर सकते हैं। ठोस सबूत होने पर या सवालों के संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर उन्हें गिरफ्तार कर सकते हैं। वहीं, केजरीवाल वारंट जारी होने के बाद कोर्ट जा सकते हैं और अपने एडवोकेट की मौजूदगी में जांच में सहयोग करने का वादा कर सकते हैं। इस पर कोर्ट ईडी को उन्हें गिरफ्तार नहीं करने का निर्देश दे सकती है।