एएम नाथ l मंडी : पूर्व सैनिकों व उनके आश्रितों के लिए बनाई गई एक्स सर्विसमैन कंट्रीब्यूटरी हेल्थ स्कीम (ईसीएचएस) में करोड़ों रुपये के घोटाले की परतें भी धीरे-धीरे खुलने लगी हैं।
सेना की जांच में यह बात सामने आई है कि एक पूर्व सैनिक कांगड़ा के एक निजी अस्पताल में भर्ती था। वही मरीज उसी तिथि को नेरचौक के एक निजी अस्पताल में फर्जी दस्तावेज बनाकर भर्ती दिखाया गया था।प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के बाद मंडी व कुल्लू जिले के दो निजी अस्पताल अब प्रदेश सरकार के निशाने पर आ गए हैं। दोनों अस्पतालों के प्रबंधन ने कई डाक्टरों के साथ मिलीभगत कर सरकार को लाखों रुपये का चूना लगाया है। आयुष्मान भारत योजना की तरह हिमकेयर में भी फर्जीवाड़ा किया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के विधानसभा में दिए बयान के बाद दोनों अस्पताल जांच की रडार में आ गए हैं।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने मंगलवार को विधानसभा में विपक्ष के प्रश्नों का उत्तर देते हुए आरोप लगाया था कि हिमकेयर योजना का लाभ निजी अस्पतालों व कुछ दवा दुकानों ने उठाया है। सरकार अब इसकी मैपिंग करवा रही है। सरकार ने संबंधित विभाग से रिपोर्ट मांगी है। अन्य एजेंसियों ने भी अंदरखाते जांच शुरू कर दी है।
करीब एक वर्ष की जांच के बाद ईडी के हाथ दोनों निजी अस्पताल प्रबंधन के विरुद्ध पुख्ता सबूत लगे हैं। दोनों अस्पताल के प्रबंधन की संपत्ति की जांच भी होगी। सरकारी पैसे की भरपाई के लिए ईडी संपत्ति भी कुर्क कर सकती है। नियमों को ताक पर रखकर एक ही फर्म से करीब 45 लाख रुपये के सामान की खरीदारी करने के आरोप में जोनल अस्पताल मंडी का एक पूर्व अधिकारी भी जांच के घेरे में आ गया है। बताया जा रहा है कि कुछ लोगों ने इसकी लिखित शिकायत साक्ष्यों सहित विजिलेंस से की है।