नई दिल्ली : राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने रविवार को कहा कि निर्वाचन आयोग को हाल में संपन्न हरियाणा विधानसभा चुनाव में इलेक्ट्रॉनिक वोटिग मशीन (ईवीएम) को लेकर कांग्रेस द्वारा उठाए गए सवालों पर स्पष्टीकरण देना चाहिए। सिब्बल ने कहा कि उनका मानना है कि चुनावों में ईवीएम का दुरुपयोग होता है।
कांग्रेस ने शुक्रवार को निर्वाचन आयोग को हरियाणा विधानसभा चुनावों के लिए मतगणना के दौरान ईवीएम में विसंगतियों का आरोप लगाते हुए शिकायतें सौंपी थीं। राज्य के 20 विधानसभा क्षेत्रों के कांग्रेस उम्मीदवारों ने निर्वाचन आयोग को दी गई अपनी लिखित शिकायत में आरोप लगाया है कि आठ अक्टूबर को मतगणना के दौरान कुछ ईवीएम की बैटरी 99 प्रतिशत चार्ज थीं।
कांग्रेस की ये शिकायतें ऐसे वक्त आई हैं, जब पार्टी को हरियाणा में भाजपा से हार का सामना करना पड़ा। भाजपा ने हरियाणा में शानदार जीत दर्ज कर लगातार तीसरी बार सत्ता में वापसी की है। विपक्षी दल के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर सिब्बल ने कहा, ”कांग्रेस ने ईवीएम के बारे में जो सवाल उठाए हैं, वह निर्वाचन आयोग को इसके सबूत दे रही है। मुझे इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है, लेकिन निर्वाचन आयोग को इस पर स्पष्टीकरण देना चाहिए। मुझे लगता है कि ईवीएम का दुरुपयोग होता है, यह किस हद तक होता है, मुझे नहीं पता।”
कांग्रेस के पूर्व नेता ने कहा, ”मैं शुरू से ही इसके (ईवीएम के) खिलाफ हूं। मैंने पहले भी कई बयान दिए हैं। जो अस्पष्ट है, उसे स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए।” कांग्रेस ने हरियाणा विधानसभा चुनाव के परिणाम को ”अप्रत्याशित” बताते हुए कुछ सीट पर ईवीएम में गड़बड़ी का आरोप लगाया है।
कांग्रेस महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने शुक्रवार को ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ”नौ अक्टूबर को कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने निर्वाचन आयोग को शिकायतें सौंपी थीं। हमने एक अद्यतन ज्ञापन दिया है, जिसमें हरियाणा के 20 विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव प्रक्रिया में गंभीर और स्पष्ट अनियमितताओं को रेखांकित किया गया है। हमें उम्मीद है कि आयोग इस पर संज्ञान लेगा और उपयुक्त निर्देश जारी करेगा।”
भागवत के बयान और सरकार के काम में बड़ा अंतर: सिब्बल राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत के विजयादशमी पर संबोधन के एक दिन बाद राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने रविवार को कहा कि भागवत के बयान और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)-नीत सरकार के जमीनी स्तर पर किये जा रहे कार्यों में बड़ा अंतर है। आरएसएस प्रमुख ने शनिवार को कहा कि पिछले कुछ वर्षों में भारत अधिक मजबूत हुआ है तथा विश्व स्तर पर उसकी साख बढ़ी है, लेकिन कई तरह के षड्यंत्र देश के संकल्प की परीक्षा ले रहे हैं।
भागवत के संबोधन का जिक्र करते हुए सिब्बल ने कहा, ”मोहन भागवत ने विजयादशमी पर अच्छा बयान दिया। उन्होंने कहा कि इस देश में देवता बंटे हुए हैं, ऐसा नहीं होना चाहिए, संत बंटे हुए हैं, ऐसा नहीं होना चाहिए। यह विभिन्न धर्मों और भाषाओं का देश है।” उन्होंने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ”महर्षि वाल्मीकि ने रामायण लिखी थी, इसलिए सभी हिंदुओं को वाल्मीकि दिवस मनाना चाहिए। ऐसा क्यों नहीं हो रहा है?
उन्होंने कहा कि जब तक सद्भाव कायम रहेगा, यह कायम रहेगा। मैं उनके बयान का स्वागत करता हूं। लेकिन मैं कुछ सवाल पूछना चाहता हूं, आरएसएस उस सरकार का समर्थन करता है, जो आपके बयान के खिलाफ काम करती है।” पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 2014 के बाद समाज में कई विभाजन हुए हैं और अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया गया तथा उन पर बुलडोजर चलाए गए।
सिब्बल ने कहा कि ‘लव जिहाद’ और ‘फ्लड जिहाद’ की अवधारणाओं पर बात हो रही है। सांसद ने कहा, ”मैं आरएसएस से पूछना चाहता हूं कि जब ऐसी घटनाएं होती हैं तो वह सवाल क्यों नहीं उठाता? लोग दूसरों की नागरिकता पर संदेह करते हैं। कई विवादास्पद बयान दिए जाते हैं, आरएसएस सवाल क्यों नहीं उठाता।”