रोहित जसवाल। ऊना, 5 दिसंबर. हिमाचल प्रदेश के ऊना और हमीरपुर जिलों के 11 अधिकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल बागवानी विभाग ऊना के उप-निदेशक डॉ. के.के. भारद्वाज और हमीरपुर जिले के उपनिदेशक डॉ. राजेश्वर परमार के नेतृत्व में तीन दिवसीय प्रशिक्षण के लिए बेंगलुरु (कर्नाटक) दौरे पर है। इस दल ने बुधवार को वहां फ्लोरेंस फ्लोरा कंपनी का दौरा किया और हिमाचल के मैदानी इलाकों में जरबेरा फूलों की खेती की संभावनाओं पर विस्तृत चर्चा की।
फ्लोरेंस फ्लोरा कंपनी जरबेरा पौध तैयार कर हिमाचल सहित अन्य राज्यों के बागवानों को उपलब्ध कराती है। विशेषज्ञों का कहना है कि हिमाचल मैदानी इलाकों में जरबेरा फूलों की खेती की अच्छी संभावनाएं हैं।
फूलों की खेती को प्रोत्साहित कर रही हिमाचल सरकार
हिमाचल प्रदेश सरकार बागवानों को फूलों की खेती के लिए प्रोत्साहित कर रही है। साथ ही, अधिकारियों को भी अध्ययन विजिट पर भेजा जा रहा है ताकि वे अन्य राज्यों और कंपनियों से नई जानकारी और तकनीकों का अध्ययन कर सकें। इस पहल का उद्देश्य हिमाचल में फूलों की खेती को नई ऊंचाइयों पर ले जाना है, जिससे बागवानी के क्षेत्र में नवाचार और उन्नति की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जा सकें।
वहीं सरकार लोगों को पॉलीहाउस लगाने पर 85 प्रतिशत तक सब्सिडी प्रदान कर रही है, जबकि पॉलीहाउस में फूलों की खेती पर 50 प्रतिशत का अनुदान भी उपलब्ध है। जरबेरा की खेती के लिए एक हजार वर्गमीटर के पॉलीहाउस में करीब 6,000 पौधे लगाए जा सकते हैं। इनसे 9-10 महीने में बागवान 6-8 लाख रुपये तक की आय अर्जित कर सकते हैं।
बागवानी विभाग फूलों की खेती को नगदी फसल के रूप में बढ़ावा देने के लिए जागरूकता अभियान चला रहा है। इस पहल का उद्देश्य अधिक से अधिक बागवानों को फूलों की खेती से जोड़ना है।
बेंगलुरु गए प्रतिनिधिमंडल में ऊना और हमीरपुर जिलों उप-निदेशकों के अलावा दोनों जिलों के बागवानी अधिकारी, अजय कुमार, उषा सोंखले, सूरज कश्यप, अमित कुमार, सुमन भाटिया, शिव भूषण, वीरेंद्र कुमार, अनुपम शर्मा, और मोहम्मद अरशद शामिल हैं।