संतोखगढ़(ऊना) :अखिल भारतीय किसान सभा और सेन्टर आफ इन्डियन ट्रेड यूनियन (सीटू )जिला ऊना हिमाचल प्रदेश में अखिल भारतीय किसान आन्दोलन का समर्थन करते हुए 14 दिसम्बर 2020 को भारत के हर जिला स्तरीय धरने ब प्रदर्शन का आयोजन किया जिसमें जिला ऊना की आम जनता की भागीदारी हुई। जिसका नेतृत्व कामरेड गुरनाम सिंह जिला सचिव सीटू जिला ऊना व कामरेड के के राणा प्रधान जिला किसान सभा ने किया ।
इस प्रदर्शन में अखिल भारतीय किसान आन्दोलन का समर्थन करते हुए मांग की है कृषि क्षेत्र में लाये गए लोक विरोधी कानून वापिस लिए जाए और महामारी के संकट में आम जनता पर खतरनाक हालातों को और खतरनाक करने के केन्द्रीय सरकार का तानाशाही पूर्वक और संसदीय बहुमत का नाजायज फायदा उठा कर पूंजीपति और उद्योगपतियों व बहुराष्ट्रीय कंपनियों के दबाव में आकर नये कानूनों को लागू को बना कर आम जनता को दबाने की कोशिश हो रही है।
कृषि क्षेत्र को बरबाद कर आम जनता का जीवन मुश्किल में डालने की कोशिश की गयी है। आज भी देश की 75 प्रतिशत जनता कृषि क्षेत्र और ग्रामीण अर्थव्यवस्था का हिस्सा है जिसे अपनी जीविका कृषि क्षेत्र और उससे जुड़े हुए साधनों पर ही निर्भर करती है।
कृषि क्षेत्र में सुधार के नाम पर बडे पूंजीपति व बहुराष्ट्रीय कंपनियों को सोंप देने की तैयारी कर ली है और ऐसे समय में देश का किसान आन्दोलन कर पिछले तीन महीने से विरोध कर रहा है लेकिन केन्द्रीय सरकार ने इस समबन्ध में कोई भी समयानुसार कार्यवाही नहीं की। 26-27 दिसम्बर को देश के किसान दिल्ली में प्रदर्शन कर अपनी बात को रखना चाहते थे। लेकिन प्रदर्शन की इजाजत होने के बावजूद इस प्रदर्शन को नहीं करने देने के लिए केन्द्रीय सरकार के निर्देश पर बडे पैमाने पर अवरोध पैदा कर इसे रोकने के हर तरह के तानाशाही और दमनकारी हथकण्डे अपनाते हुए किसानों पर अत्याचार किया गया। भाजपा की हरियाणा सरकार ने बड़े पैमाने पर पुलिस और सेना का उपयोग कर किसान आन्दोलन को कुचलने का हर सम्भव प्रयास किया । लोगों पर लाठीचार्ज, वाटर कैनन, मार्ग अवरोध, गिरफ्तारी और हर तरह का बल प्रयोग करते हुए दिल्ली तक नहीं जा पाने की कोशिश की गयी है। इसके बावजूद देश के बहादुर किसान और आम आदमी दिल्ली तक पहुंच गए और प्रदर्शन लगातार जारी है।
लेकिन केन्द्रीय सरकार ने अभी तक कोई भी कार्यवाही न करते हुए लाखों लोगों को इस समबन्ध मुसीबत में डालने का सीधा काम किया है। जहां तक कि कुछ किसान आन्दोलन में दमनकारी हथकण्डे का शिकार हो शहीद हुए हैं और बहुत से घायल हो गए हैं।
आज भी केन्द्रीय सरकार कोई भी कार्यवाही न करते हुए महज पूंजीपतियों, इजारेदारो और बहुराष्ट्रीय कंपनियों के दबाव में किसान आन्दोलन को कुचलने की हर प्रकार की कोशिश और कुप्रचार कर जनता को वरगला रही है।
इसलिए आज देश के 500 से ज्यादा संगठन ने आज 14 दिसम्बर 2020 को अखिल भारतीय धरने व प्रदर्शन कर इजारेदारो जिस का नेतृत्व अंबानी और अडानी कर रहे हैं के पुरजोर विरोध का आह्वान किया है जिसका समर्थन मजदूर युनियन, परिवहन युनियन और आम लोगों ने किया है । और इसमें मांग की है कृषि क्षेत्र में सुधार के नाम पर लाये गये काले कानूनों को रद्द कर निरस्त किया जाए। बिजली कानून 2020 वापिस लिया जाए। प्रदूषण कानूनों में किया गया बदलाव जिसमें पराली जलाने पर एक करोड़ जुर्माना और जेल की सजा है उसको वापिस लिया जाए। ताकि देश की अर्थव्यवस्था को बचाया जा सके और आम आदमी को खाद्य सुरक्षा मिले और किसानों की फसलों का उचित मूल्य और कारपोरेट घरानों के दखल को कृषि क्षेत्र से प्रतिबन्धित किया जाए।
कृषि क्षेत्र में सुधार के नाम पर लाये गये काले कानूनों को रद्द कर दिया जाए और बिजली बिल कानून वापिस लिया जाए। प्रदूषण कानूनों में किया गया बदलाव खत्म किया जाए।
इस प्रदर्शन में कामरेड विजय शर्मा राज्य संयोजक ट्रांसपोर्ट फैडरेशन, कामरेड शिव कुमार द्विवेदी कोषाध्यक्ष व प्रेस सचिव सीटू जिला ऊना, सतीश चौधरी, कामरेड प्यारा सिंह,कामरेड दुलमभ सिंह, कामरेड मजीद, कामरेड जोगा सिंह, कामरेड राजा राम सैणी, कोजी टच मैटरस वर्कर युनियन के परमजीत सिंह, सुलिनदर सिंह, रणजीत सिंह, सतनाम सिंह, एस एफ आई से आकाश राणा संयोजक , अजय कुमार, राजिन्दर कुमार, रमन कुमार, कामरेड ओ पी सिधू सचिव किसान सभा ,हिमाचल किसान सभा जिला ऊना के उपाध्यक्ष रणजीत सिंह, सुरेन्द्र सिंह, मनपरीत सिंह, जसविनदर सिंह, जगरप सिंह, जगवीर सिंह, गुरमुख सिंह,नरेन्द्र सिंह, गुरदीप सिंह, राम किशन सिंह ,भजन सिंह, गुरमीत सिंह , हरकरणजोत सिंह, अमरीक सिंह, ब्रहमा नन्द व अन्य साथियों ने भाग लिया।
ऊना-हिमाचल-प्रदेश-में-अखिल-भारतीय-किसान-आन्दोलन-का-समर्थन-.docx (20 downloads)