एएम नाथ । हमीरपुर। पूर्व विधायक राजिंदर राणा ने उनके बेटे और पत्नी के खिलाफ सिरमौर जिले के पच्छाद में दर्ज की गई एफआईआर बदले की गंदी राजनीति का हिस्सा बताया है। मीडिया से बातचीत को दौरान राणा ने दावा किया है कि सीएम ऑफिस के सीधे दखल के बाद महज दो घंटे में यह एफआईआर दर्ज की गई, ताकि उन्हें और उनके परिवार को झूठे मामलों में फंसाकर दबाया जा सके।
बेटे और पत्नी का 25-25 प्रतिशत हिस्सा हुआ था तय
रजिंदर राणा ने सबूतों के साथखुलासा किया कि 2020 में शिमला के मशोबरा निवासी अनिल चौहान ने उनसे संपर्क कर सिरमौर के पच्छाद में एक क्रशर प्लांट में साझेदारी की पेशकश की थी। इस समझौते के तहत उनके बेटे और पत्नी का 25-25 प्रतिशत हिस्सा तय हुआ था।राणा के मुताबिक, ढाई से तीन करोड़ रुपये की पूरी भुगतान करने के बावजूद अनिल चौहान क्रशर प्लांट शुरू करने के बजाय बहाने बना कर टाल मटोल करता रहा और पैसे अपनी जेब में डालता रहा। जब उससे या तो प्लांट लगाने या पैसे लौटाने को कहा गया, तो उसका रवैया ही बदल गया। राजेंद्र राणा ने कहा कि यह कोई दो नंबर का पैसा नहीं था बल्कि उनकी मेहनत की कमाई थी जो साझेदारी में क्रशर लगाने के लिए अनिल चौहान को दी गई थी, और उसने इसे अपने परिवार के लिए इस्तेमाल कर लिया।
राणा के बेटे ने पच्छाद में शिकायत दर्ज करवाई
राणा ने बताया कि साझेदारी के तहत उनके बेटे ने एक जेसीबी मशीन खरीदी थी, ताकि काम में आसानी हो। लेकिन अनिल चौहान ने बिना इजाजत यह मशीन रोहडू के पास किसी को 6 महीने किराए पर दिए रखी और उससे मिलने वाला पैसा भी खुद डकार गया। जब इस धोखाधड़ी का खुलासा हुआ, तो राणा के बेटे ने पच्छाद पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करवाई। पुलिस के दखल के बाद यह जेसीबी उनके बेटे को वापस दिलाई गई, जो पूरी तरह कानूनी रूप से उनकी संपत्ति थी। हैरानी की बात यह है कि अब उसी पुलिस ने सीएम ऑफिस
हैरानी की बात यह है कि अब उसी पुलिस ने सीएम ऑफिस की दखल अंदाजी से उन्हीं के खिलाफ चोरी का मामला दर्ज कर दिया!
मोहाली में धोखाधड़ी का मामला दर्ज : राणा ने बताया कि अनिल चौहान के खिलाफ पंजाब के मोहाली थाने में शिकायत दर्ज करवाई गई थी। दो महीने की जांच के बाद IPC की धारा 420 और 406 के तहत 12 मार्च को मुकदमा भी दर्ज हुआ और अनिल चौहान को तलब किया गया। लेकिन असल खेल तब शुरू हुआ जब अनिल चौहान ने हिमाचल में ‘अपने राजनीतिक आका’ की शरण ली और सीएम कार्यालय के दबाव में पच्छाद थाने में राणा के परिवार पर महज दो घंटे में एफआईआर दर्ज करवा दी।
आवाज दबाने की एक साजिश है एफआईआर : राजेंद्र राणा ने सीएम सुख्खू पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि सत्ता के नशे में सरकार ने कानून को अपने राजनीतिक हथियार में बदल दिया है। जिस पुलिस ने पहले उनके बेटे की शिकायत पर कार्रवाई की, वही पुलिस अब सीएम के इशारे पर उल्टा उन्हें ही अपराधी बनाने में जुटी है। उन्होंने साफ कहा कि यह FIR उनकी आवाज दबाने की एक साजिश है क्योंकि वह लगातार सुक्खू सरकार की जनविरोधी नीतियों और वादाखिलाफी के खिलाफ मुखर रहे हैं। राणा ने साफ कर दिया कि वह किसी भी सरकारी तानाशाही से डरने वाले नहीं हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले को पूरे तथ्यों और सबूतों के साथ अदालत में ले जाया जाएगा और झूठे मुकदमों की साजिश का पर्दाफाश किया जाएगा।