लुधियाना : मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने बुधवार को सभी विपक्षी दलों के नेताओं के साथ ओपन डिबेट में विपक्षी नेता नही पहुंचे। जिसके बाद मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने सभी मुद्दों पर आपनी बात रखी और जमकर कांग्रेस अकाली भाजपा लर निशाना साधा। लुधियाना में आयोजित इस ओपन डिबेट में सीएम मान ने कहा कि ‘मैं पंजाब बोलदां हां’ ये बहस राज्य के संजीदा मसलों पर चर्चा करने के लिए रखी गई थी। लेकिन विपक्षी दलो के नेताओं के पास राज्य सरकार के खिलाफ बोलने के लिए कुछ भी नहीं है। इसलिए विपक्षी दलो के नेता ओपन डिबेट करने से भाग गए।
बहस से क्यों भाग गए विपक्षी: बहस के दौरान डिबेट को संबोधन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, यह नेता बीते 25 दिन से मेरे और मेरी सरकार के खिलाफ एक भी कमी नहीं ढूंढ सके। इसलिए उनके पास पंजाब के मुद्दों पर मेरा सामना करने की हिम्मत न हो सकी। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर इन नेताओं को लोगों ने हरा कर घर बैठा दिया है तो इसका ये मतलब नहीं कि इन लोगों ने पंजाब के साथ जो धोखा किया है वो दूध से धूल गए है। उन्होंने कहा कि जब भी ये राजनैतिक नेता लोगों के पास आएं तो इनको पूछना चाहिए कि पंजाब के मुद्दों पर हुई बहस से आप क्यों भाग गए थे।
राज्य के साथ धोखा करने वाले होंगे बेनकाब : मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य में इन राजनीतिज्ञों ने बहुत लंबा समय सत्ता का सुख भोगा है जिस कारण पंजाब के लोगों को यह हर मुद्दे पर जवाबदेह हैं। इन नेताओं को बहस के लिए न्योता दिया गया था जिससे हर नेता इस मंच पर आकर अपना पक्ष पेश कर सके। मंच पर आकर अपना पक्ष रखने के बजाय इन राजनैतिक नेताओं ने बहाना बनाया और बहस से भागने गए। भगवंत सिंह मान ने कहा कि वह इन नेताओं को भागने नहीं देंगे और राज्य के साथ धोखा करने वालों के चेहरे बेनकाब करके छोड़ेगे।
विपक्षी नेताओं की आलोचना : मुख्यमंत्री ने राज्य के लोगों को गुमराह करने की नौटंकियां करने के लिए इन नेताओं की सख़्त आलोचना की। उन्होंने कहा कि यह सारा जग जानता है कि इन नेताओं के पुरखों ने SYL के निर्माण के इस अक्षम्य अपराध को अंजाम देकर पंजाब और इसकी नौजवान पीढ़ी के रास्ते में कांटे बीजे हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इन स्वार्थी राजनैतिक नेताओं ने अपने संकुचित लाभों के लिए इस नहर के निर्माण के लिए सहमति, योजनबंदी और लागू किया था।
कपूरी में रखा गया SYL का नींव पत्थर ; मुख्यमंत्री ने कहा कि हर कोई जानता है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री बलराम जाखड़ (सुनील जाखड़ के पिता) ने कैप्टन अमरिन्दर सिंह के साथ कपूरी में SYL का नींव पत्थर रखने की रस्म समकालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के साथ अदा की थी। उन्होंने कहा कि हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी देवी लाल ने इस नहर के सर्वे की इजाज़त देने के लिए पंजाब के अपने समकक्ष प्रकाश सिंह बादल की सराहना की थी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह नेता राज्य के विरुद्ध किये इस गुनाह के लिए ज़िम्मेदार हैं और पंजाब की पीठ में छुरा घोंपने वालों को इतिहास कभी माफ नहीं करेगा।
10 वर्षों में दोगुना हो गया कर्ज
इस दौरान मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि पंजाब के खजाने पर कर्ज का बोझ 2012 से पड़ना शुरू हुआ। 2012 में कर्ज 83099 हजार करोड़ था जो 2017 में अचानक बढ़कर 1 लाख 82 हजार करोड़ हो गया। इसके बाद कैप्टन अमरिन्दर सिंह की सरकार आई जिसने 1 लाख करोड़ और बढ़ा दिए। इन 10 सालों में पंजाब के सिर पर 2 लाख करोड़ का कर्ज चढ़ गया। मान ने कहा कि हमने सब पता कर लिया है, इस दौरान न सरकारी कॉलेज बना, न यूनिवर्सिटी बनी, न नौकरी दी गई, न रोजगार दिया गया, जिस पर यह पैसा खर्च किया गया हो। तो फिर 2 लाख करोड़ रुपए का कर्ज कहां गया? इस दौरान किसी गवर्नर ने पत्र नहीं लिखा कि इतना कर्ज क्यों लिया गया और कहां निवेश किया गया?
मान ने कहा कि हमने 37-38 हजार करोड़ रुपए का कर्ज लिया है, जिसमें से 27 हजार करोड़ रुपए विरासत में मिले कर्ज की किस्त ही जाती है। जबिक बिजली सब्सिडी का एक भी रुपया नहीं देना, लोगों को हम मुफ्त बिजली दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब नौकरियां नहीं मिलीं, ब्रेन डोन होने लग पड़े, फिर नौजवानों ने विदेश जाने का रुख किया। फिर पंजाब में धड़ाधड़ पासपोर्ट बनने शुरू हो गए। 25 साल में कोई भर्ती नहीं हुई। चुनाव के समय भर्तियों की घोषणाएं तो हुईं लेकिन वे पूरी नहीं हुईं। स्कूलों में शिक्षक नहीं थे लेकिन स्कूल के सामने की टंकी शिक्षकों से भरी रहती थी। मान ने कहा कि हमने एक नहीं बल्कि अलग-अलग विभागों में 37,946 नौकरियां दी हैं।
रिवायती पार्टियों के नेता ; मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बहस का विषय पंजाब को अब तक किसने और कैसे लूटा, इस आधार पर केंद्रित था। इसमें कुनबाप्रस्ती (भाई-भतीजवाद, जीजा-साला), पक्षपात, टोल प्लाज़े, यूथ, खेताबाड़ी, व्यापारी, दुकानदार, बेअदबी, दरियाई पानी और अन्य मसले संबंधित थे। उन्होंने कहा कि रिवायती पार्टियों के नेताओं ने हरेक मुद्दे पर पंजाब के साथ गद्दारी की जिस कारण राज्य के लोगों प्रति इनकी जवाबदेही बनती है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इन नेताओं के हाथ पंजाब के साथ किये गुनाहों से रंगे हुए हैं और राज्य की पीठ में छुरा घोंपने वालों को इतिहास कभी भी माफ नहीं करेगा।