अरुण दीवान। चंडीगढ़ : पंजाब के वित्त, योजना और आबकारी मंत्री हरपाल चीमा ने शिक्षा विभाग को अनएडेड स्टाफ फ्रंट (एडेड स्कूल) की जायज मांगों को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया है। यह बात उन्होंने अपने कार्यालय में विभिन्न कर्मचारी यूनियनों के साथ कैबिनेट सब-कमेटी के अध्यक्ष के तौर पर की गई बैठकों के दौरान कही।
दफ्तरी कर्मचारी यूनियन के साथ हुई बैठक में चीमा ने बताया कि कैबिनेट सब-कमेटी ने अधिकारियों की समिति से अनुरोध किया है कि वह 2018 और 2022 में शिक्षकों के लिए नियमितीकरण प्रक्रियाओं के समान स्कूल ऑफिस स्टाफ के नियमितीकरण का मूल्यांकन करे और एक महीने के भीतर रिपोर्ट दे। उन्होंने स्कूल शिक्षा विभाग से इन कर्मचारियों द्वारा उठाई गई वेतन विसंगति की चिंताओं का तेजी से समाधान करने का भी आग्रह किया।
मुर्र बहल अध्यापक यूनियन ने चीमा के सामने बहाली प्रक्रिया को शीघ्र पूरा करने की मांग की। जवाब में चीमा ने स्कूल शिक्षा विभाग को बर्खास्त शिक्षकों की सूची तैयार करने और उनकी बर्खास्तगी के कारणों की पुष्टि करने का निर्देश दिया, साथ ही इस बात पर जोर दिया कि अन्यायपूर्ण बर्खास्तगी के मामलों पर सहानुभूति के साथ पुनर्विचार किया जाना चाहिए।
इसके अतिरिक्त, 2,364 ETT चयनित अध्यापक संघ द्वारा पोस्टिंग स्थानों के चयन पर प्रतिबंध हटाने के अनुरोध के संबंध में, संघ को सूचित किया गया कि इस उद्देश्य के लिए पोर्टल अब चालू हो गया है। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के समान आवास भत्ते का भी अनुरोध किया।
चीमा ने पशुपालन के प्रमुख सचिव को वित्त के प्रमुख सचिव के साथ तुरंत बैठक करने का निर्देश दिया ताकि समाधान पर चर्चा की जा सके और वित्तीय प्रभावों का मूल्यांकन किया जा सके। उन्होंने पशुपालन विभाग के प्रधान सचिव को पशु चिकित्सा कर्मचारी संघ के साथ बैठक कर उनकी वैध मांगों को संबोधित करते हुए प्रस्ताव पेश करने का निर्देश दिया।
ग्राम पंचायत जल आपूर्ति पंप ऑपरेटर संघ की चिंताओं के जवाब में चीमा ने ग्रामीण विकास एवं पंचायत निदेशक को इन मुद्दों से निपटने के लिए ब्लॉक स्तरीय समितियों की स्थापना पर विचार करने का आदेश दिया। उन्होंने विभाग को इन कर्मचारियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए आवश्यक योग्यताओं को संशोधित करने के लिए केंद्र सरकार से अनुरोध करने का भी निर्देश दिया, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी कर्मचारी प्रशिक्षण से लाभान्वित हो सकें।