दिल्ली में विधानसभा चुनाव के बीच कांग्रेस ने चुनावी गड़बड़ियों पर कड़ी नजर रखने के उद्देश्य से नेताओं और विशेषज्ञों का एक विशेष कार्य समूह ‘ईगल ग्रुप’ का गठन किया है। पार्टी द्वारा जारी एक लेटर में बताया गया कि कांग्रेस अध्यक्ष ने तत्काल प्रभाव से यह अधिकार प्राप्त समूह बनाया है, जिसका मुख्य उद्देश्य स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों के संचालन की निगरानी करना है। इस ग्रुप को सबसे पहले महाराष्ट्र में मतदाता सूची में हेरफेर के आरोपों की जांच-पड़ताल करनी है और जल्द से जल्द विस्तृत रिपोर्ट पार्टी हाईकमान को सौंपनी है।
इस समूह में कुल 8 नाम शामिल हैं:
– अजय माकन
– दिग्विजय सिंह
– अभिषेक सिंघवी
– प्रवीण चक्रवर्ती
– पवन खेड़ा
– गुरदीप सिंह सप्पल
– नितिन राऊत
– चाल्ला वामशी चंद रेड्डी
ग्रुप का एजेंडा महाराष्ट्र में मतदाता सूची हेरफेर की जांच से शुरू होकर अन्य राज्यों में पिछले चुनावों में हुई गड़बड़ियों और आगामी चुनावों में स्वतंत्र तथा निष्पक्ष प्रक्रिया से जुड़ी समस्याओं का विश्लेषण करना है। इस समूह का उद्देश्य इन सभी मुद्दों की बारीकी से जांच-पड़ताल करके संबंधित तथ्यों का संकलन करना है, जिससे चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता और विश्वसनीयता में सुधार हो सके। अंततः, इन सभी प्राप्त जानकारियों के आधार पर एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाएगी, जिसे पार्टी के हाईकमान के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।
महाराष्ट्र में पिछले साल के अंत में हुए विधानसभा चुनाव में सत्ताधारी गठबंधन (जिसमें बीजेपी, शिंदे गुट की शिवसेना तथा अजित पवार गुट की एनसीपी शामिल थीं) और महाविकास अघाड़ी (जिसमें कांग्रेस, उद्धव ठाकरे की शिवसेना तथा शरद पवार की एनसीपी शामिल थीं) के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिला था। चुनाव परिणाम में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरा, जिससे विपक्षी दलों में मतदाता सूची में गड़बड़ी के आरोप उठने लगे थे। इसी संदर्भ में चुनाव आयोग में शिकायत भी दर्ज कराई गई थी, जिसका जवाब आयोग द्वारा दिया गया था। इससे पहले कांग्रेस ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में भी ईवीएम पर सवाल उठाते हुए गड़बड़ी के आरोप लगाए थे। हालांकि, चुनाव आयोग ने एक-एक करके सभी आरोपों का निरसन करते हुए पार्टी को नसीहत भी दी थी।
दिल्ली में चल रहे चुनाव में 5 फरवरी को वोटिंग और 8 फरवरी को परिणाम घोषित होने हैं। चुनाव से पहले ही कांग्रेस द्वारा ‘ईगल ग्रुप’ का गठन एक सक्रिय कदम माना जा रहा है, जिससे आगामी चुनाव प्रक्रिया में किसी भी तरह की गड़बड़ी पर नज़र रखी जा सके। कांग्रेस पक्ष का कहना है कि यह कदम लोकतांत्रिक प्रक्रिया की शुद्धता सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है और इससे चुनावों में पारदर्शिता बनी रहेगी।