उदयपुर : पार्टी ने हमें बहुत कुछ दिया है, अब कर्ज उतारने का समय है। उदयपुर में चल रहे कांग्रेस के तीन दिवसीय चिंतन शिविर में स्वागती भाषण में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उक्त शब्द कहे। उन्हींनो कांग्रेस के बड़े नेताओं को त्याग करके पार्टी हित में काम करने की नसीहत दी है। उन्हींनो ने कहा अब ऐसा समय आया है कि हमें संगठन हितों के मुताबिक काम करना होगा। इसलिए सभी से आग्रह है कि खुलकर अपने विचार रखें, मगर बाहर एक ही संदेश संगठन की मजूबती, मजबूत निश्चय और एकता का नाना चाहिए।
उन्हींनो ने कहा हमें मिली विफलताओं से हम बेखबर नहीं हैं। संघर्ष और कठिनाइयों से जूझ कर हमें आगे बढ़ना है। लोगों की उम्मीदों का हमे पता है। हम यह प्रण लेने के लिए इकट्ठा हुए हैं कि हम देश की राजनीति में अपनी पार्टी को उसी भूमिका में लाएंगे जो सदैव निभाई है, जिस भूमिका की उम्मीद इस बिगड़ते समय में देश की जनता करती है। हम आत्मनिरीक्षण कर रहे हैं। यह तय करें कि यहां से निकलें तो एक नए आत्मविश्वास और कमिटमेंट से प्रेरित होकर निकलेंगे।
उन्होंने ने कहा कि आज पार्टी के सामने असाधारण परिस्थितियां हैं। असाधारण परिस्थितियों का मुकाबला असाधारण तरीके से ही किया जा सकता है। हर संगठन को जीवित रहने बढ़ने के लिए भी अपने अंदर तीखापन लाना होता है। हमें सुधारों की सख्त जरूरत है। हमें रणनीतिक बदलाव, ढांचागत सुधार और रोजाना काम करने के तरीके में बदलाव सबसे बुनियादी जरूरी मुद्दा है। हमारा उत्थान सामूहिक प्रयासों से ही हो पाएगा। ये प्रयास आगे टाले नहीं जा सकते न आगे जा सकते हैं, यह प्रभावशाली कदम होगा।
भाजपा देश में डर-असुरक्षा का माहौल पैदा कर रही
उन्होंने भाजपा और केंद्र सरकार पर बड़ा हमला बोला करते हुए कहा बीजेपी-केंद्र सरकार देश में डर और असुरक्षा का माहौल पैदा कर रही है। अल्पसंख्यकों को डराया जा रहा है। धर्म के नाम पर पॉलराइजेशन किया जा रहा है। अल्पसंख्यक हमारे देश में बराबर के नागरिक हैं। यह हमारी पुरानी बहुलवादी कल्चर का परिचायक है। विविधता में एकता में हमारी पहचान रही है।
उन्हींनो ने कहा- आज राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाया जा रहा है, जांच एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है। इतिहास को फिर से लिखने की कोशिश की जा रही है, जिसमें पंडित नेहरू के योगदान और देश के लिए त्याग को योजनाबद्ध तरीके से कम करके दिखाने का प्रयास हो रहा है। ये लोग महात्मा गांधी के हत्यारे का महिमामंडन कर रहे हैं और गांधी के सिद्धांतों को मिटा रहे हैं। उन्होंने कहाकि देश के पुराने मूल्यों को खत्म किया जा रहा है। दलित आदिवासी और महिलाओं में असुरक्षा का माहौल है। देश में डर का माहौल बनाया जा रहा है। देश में लोगों को लड़ाने का बीजेपी लगातार प्रयास कर रही है।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत : यूपीए सरकार के समय में लोग क्या कहेंगे इसका ध्यान रखा जाता था। आज ये लोग धर्म के नाम पर देश पर काबिज हो गए हैं। धर्म जाति ऐसी चीज है कि आप दंगे भड़का सकते हो। अब राजस्थान तो टारगेट में नंबर वन है। दंगाई का, सीबीआई, ईडी का छापा शुरू हो जाता हे। इनके लोग दूध के धुले हैं, इन पर कोई छापा नहीं पड़ता।
हमारी कमजोरी है कि हम काम करते हैं, मार्केटिंग नहीं
गहलोत ने कहा- देश 70 साल में कहां से कहां पहुंच गया। कांग्रेस के सिद्धांत, नीतियां देश के डीएनए की तरह हैं। ये बेशर्मी से कहते हैं कि कांग्रेस ने 70 साल में क्या किया?
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने शिविर को संबोधित किया। कांग्रेस चिंतन शिविर के बाद पार्टी अब टॉप टु बॉटम बड़े बदलाव की तैयारी में है। लेकसिटी के ताज अरावली में हो रहे इस शिविर में कांग्रेस की ओल्ड गार्ड से लेकर युवा चेहरे तक नजर आ रहे हैं। यहां पहुंचे पार्टी के नेताओं का कहना है यह शिविर किसी आम इवेंट जैसा नहीं होगा। इसमें लिए गए निर्णय नई कांग्रेस की नींव रखेंगे। चाहे वह लीडरशिप चेंज को लेकर हों या परिवारवाद को खत्म करने से सबंधित हों।
एक परिवार से केवल एक ही टिकट : कांग्रेस के राजस्थान प्रभारी महासचिव अजय माकन ने उदयपुर में मीडिया से बातचीत में कहा- हमारे पैनल में यह चर्चा हुई है कि एक परिवार से एक टिकट के फार्मूला को लागू किया जाए। जिसे भी टिकट दिया जाए, उसने कम से कम 5 साल पार्टी में काम किया हो। सीधे टिकट नहीं दिया जाए। नए आने वालों नेताओं को टिकट नहीं मिलेगा, लेकिन इस नियम में गांधी परिवार को छूट दी जाएगी। यह फार्मूला उन पर लागू नहीं होगा। माकन ने कहा इस बात की भी सिफारिश की गई है कि पार्टी में लगातार 5 साल के काम करने के बाद किसी को दूसरा पद नहीं दिया जाए। कम से कम 3 साल का कूलिंग पीरियड रहे। तीन साल के गैप के बाद ही आगे कोई पद दिया जाए।
अगर किसी नेता का बेटा या दूसरा नेता टिकट लेना चाहता है तो उसे कम से कम पांच साल संगठन में काम करना होगा। कांग्रेस में 5 साल लगातार पद पर नहीं रहने का नियम लागू होने पर आधे से ज्यादा नेता बाहर हो जाएंगे। नेताओं के बेटों को भी पांच साल पार्टी में काम करने के बाद ही टिकट मिलेगा।