नई दिल्ली। कांग्रेस ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए बुधवार को जारी अपने घोषणापत्र में वादा किया कि राष्ट्रीय राजधानी की सत्ता में आने पर वह ‘मजबूत लोकपाल’ विधेयक लाएगी। उसने यह वादा भी किया कि दिल्ली में ‘शराब घोटाला’, ‘दिल्ली जल बोर्ड घोटाला’ और ‘दिल्ली स्वास्थ्य घोटाला’ की व्यापक जांच सुनिश्चित की जाएगी।
कांग्रेस की तरफ से ‘मजबूत लोकपाल’ का वादा करना इस मायने में अहम है कि आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने केंद्र की तत्कालीन कांग्रेस नीत सरकार के खिलाफ लोकपाल आंदोलन के जरिए ही राजनीति में प्रवेश किया था। केजरीवाल ने 11 साल पहले इसी मुद्दे पर 49 दिनों तक सत्ता में रहने के बाद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।
अरविंद केजरीवाल ने अन्ना हजारे की अगुआई में दिल्ली में लंबे समय तक आंदोलन चलाया। वह अपनी शर्तों के मुताबिक जनलोकपाल कानून चाहते थे, लेकिन कांग्रेस सरकार के साथ बातचीत विफल हो जाने के बाद उन्होंने खुद राजनीति में उतरने और फिर मजबूत लोकपाल कानून बनाने का वादा किया था। हालांकि, लंबे समय से दिल्ली की राजनीति से लोकपाल का मुद्दा गायब था। अब कांग्रेस की ओर से वादा किए जाने के बाद एक बार फिर इसकी चर्चा होगी।
कांग्रेस ने घोषणापत्र में यह वादा भी किया कि उसकी सरकार बनने पर छठपूजा, कांवड़ शिविरों, रामलीला और सरस्वती पूजा कार्यक्रमों के लिए सब्सिडी दी जाएगी। उसने ट्रांसजेंडर लोगों के अनुकूल सुलभ शौचालय का वादा भी किया है। उसका यह वादा भी है कि शहीद होने वाले सैनिकों, अर्धसैनिक बलों के जवानों के परिजन को दो करोड़ रुपये की सहायता राशि दी जाएगी तथा किसी एक आश्रित को सरकारी नौकरी भी दी जाएगी।