चंडीगढ़ : केंद्र सरकार और पंजाब सरकार की नीतियों के विरोध में रविवार को किसान सड़कों पर उतरेंगे। राज्य में फसल खरीद और धान की बिक्री को लेकर किसानों, चावल मिल मालिकों और कमीशल एजेंटों ने कल पूरे राज्य में दोपहर 12 बजे से तीन घंटे के लिए चक्का जाम करने का आह्वान किया। शुक्रवार को चंडीगढ़ में किसान संगठनों की एक संयुक्त बैठक में यह निर्णय लिया गया।
संयुक्त किसान मोर्चा के तले किसान संगठनों ने आढ़त एशोसिशनों के मालिकों और शैलर मालिकों दोनो से मुलाकात की। मोर्चा की ओर से जारी एक बयान के अनुसार बैठक करीब ढाई घंटों तक चली। बैठक में वे सहमत हुए कि अगर वे साथ मिलकर नहीं लड़ेंगे तो न केवल कृषि बढ़ेगा, बल्कि इससे जुड़े अन्य व्यवसायों को भी नुकसान होगा।
बैठक में नेताओँ ने सुझाव दिया कि केंद्र और राज्य सरकार पर दबाव बनाने के लिए दिल्ली सीमा पर एक आंदोलन शुरू किया जाना चाहिए। संयुक्त किसान मोर्चा के नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा मोर्चा ने कृषि से जुड़े संगठनों को एक साथ लाने और पंजाब में खेती को बचाने के लिए आंदोलन करने का फैसला किया। बलबीर सिंह राजेवाल ने आगे बताया कि 13 अक्टूबर को दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक पंजाब में चक्का जाम किया जाएगा। वहीं 14 अक्टूबर को कर्मचारी और श्रमिक संगठनों समेत प्रदेश के सभी संगठनों ने एक संयुक्त बैठक होगी। उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो 2020-2021 के तर्ज पर राज्य में बड़ा आंदोलन शूरू किया जाएगा।
आढ़तियों, मिल मालिकों और किसान संगठनों के अनुसार पंजाब में खरीफ फसल के मौसम की शुरूआत 1 अक्टूबर से हो चुकी है। मगर सरकारों ने फसल की खरीद और धान उठाना शुरू नहीं किया है। प्रदेश की मंडियों से धान का उठाव नहीं हो रहा है। धान दूसरे राज्य के लिए बोया जाता है। केंद्र सरकार को राज्य की मदद करनी चाहिए।