पंजाब के समूह जिलों से बागवानी विभाग के डिप्टी डायरेक्टरों, सहायक डायरेक्टरों व बागवानी विकास अधिकारियों ने की शिरकत
होशियारपुर, 20 सितंबर:
बागवानी व फूड प्रोसेसिंग मंत्री पंजाब चेतन सिंह जौड़ामाजरा व डायरेक्टर बागवानी पंजाब शैलेंद्र कौर के आदेशों पर बायोफर्टीलाइजर प्रोडक्शन लेबोरेट्री, बागवानी अस्टेट छावनी कलां में किसानों के लिए जैविक खादों के लाभ व सुचारु प्रयोग संबंधी प्रदेश स्तरीय ट्रेनिंग व जागरुकता कैंप लगाया गया। इस कैंप में प्रदेश से समू जिलों से बागवानी विभाग के डिप्टी डायरेक्टरों, सहायक डायरेक्टर, बागवानी विकास अधिकारी व तकनीकी स्टाफ सहित कुल 105 व्यक्तियों ने भाग लिया।
इस मौके पर भारत के प्रसिद्ध संस्था अखिल भारतीय खोज परिषद नई दिल्ली से प्रिंसिपल वैज्ञानिक डा. लवलीन शुक्ला व प्रिंसिपल वैज्ञानिक डा. अर्चना सुमन ने वर्चूअल जैविक खादों संबंधी जानकारी दी। डा. लवलीन शुक्ला ने पूसा डी कंपोजर, माइकोराइजा संबंधी प्रकाश डाला। इसी तरह डा. अर्चना सुमन ने अजोटोबैक्टर, फास्फोरस सोलोबलाइजिंग बैकटीरिया, जिंक, सोलोबलाइजिंग बैकटीरिया व पोटाश सोलोबलाइजिंग बैकटीरिया आदि के प्रयोग व इसके साथ जमींदारो को होने वाले लाभ संबंधी विस्तार से जानकारी दी।
बागवानी विकास अधिकारी-कम-इंचार्ज बायोफर्टीलाइजर लेबोरेट्री विक्रम शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि यह लैब प्रदेश में जैविक खादें तैयार करने वाली प्रदेश की पहली सरकारी क्षेत्र की बायोफर्टीलाइजर प्रोडक्शन लेबोरेट्री है, जिसका उद्घाटन बागवानी व फूड प्रोसेसिंग मंत्री चेतन सिंह जौड़ामाजरा की ओर से 3 फरवरी 2023 को किया गया था। उन्होंने कहा कि किसानों की आय में वृद्धि करने के लिए यह लैब आर.के.वी.वाई स्कीम के अंतर्गत प्राप्त फंडों के साथ 2.50 करोड़ रुपए की लागत से बनाई गई है। उन्होंने बताया कि इस लैब में तैयार जैविक खादों का प्राइवेट क्षेत्र में कई कंपनियों की ओर से तैयार किया जैविक खादों से जीवाणुओं की गिनती व क्वालिटी के पक्ष में परिणाम बेहद अच्छा है। उन्होंने कहा कि जैविक खादों से रासायनिक खादों का प्रयोग 15 से 20 प्रतिशत तक घटाया जा सकता है। इसके अलावा मिट्टी, पानी व हवा को दूषित होने से बचाया जा सकता है और मिट्टी की उपज व सेहत में सुधार होता है।
सहायक डायरेक्टर बागवानी, सिट्रस अस्टेट भूंगा(हरियाना) जसपाल सिंह ने अस्टेटों से किसानों को दी जाने वाली सुविधाएं अधिक से अधिक किसानों तक पहुंचाने की अपील की। सहायक डायरेक्टर बागवानी हरप्रीत सिंह, जो कि उच्च तौर पर मुख्य कार्यालय मोहाली से हाजिर हुए ने हाउस को संदेश दिया कि बायोफर्टिलाइजर खादों का प्रयोग कर हम प्रकृति के और नजदीक हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि आर्गेनिक खेती के लिए जैविक खादों एक बहुत ही अच्छा प्रयास है व किसानों को इनका अधिक से अधिक लाभ उठाना चाहिए।
डिप्टी डायरेक्टर बागवानी जसविंदर सिंह ने बताया कि खेती में खर्चे कम करने की जरुरत है और इसके लिए मिट्टी, पत्ता परीक्षण लेबोरेट्री की ओर से रिपोर्ट के अनुसार किसानों की ओर से जैविक खादों का प्रयोग करने से मिट्टी की उपज और क्वालिटी में वृद्धि होने के साथ-साथ किसानों की बचत में सीधे तौर पर वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि बागवानी विभाग की ओर से यह दोनों सुविधाएं सिट्रस अस्टेट होशियारपुर में स्थापित लेबोरेट्री के माध्यम से मुहैया करवाया जा रहा है।
अंत में सहायक डायरेक्टर बागवानी, सिट्रस अस्टेट छावनी कला बलविंदर सिंह ने इस कैंप में शामिल हुए वैज्ञानिकों, अधिकारियों व कर्मचारियों का धन्यवाद किया व जानकारी दी कि इस समय लेबोरेट्री में 15 हजार बोतल तैयार है व डायरेक्टर बागवानी पंजाब के आदेशों के अनुसार अलग-अलग जिलों में बागवानी अस्टेटों को बोतलों का वितरण किया जाएगा।
इस मौके पर सहायक डायरेक्टर बागवानी होशियारपुर शम्मी कुमार, बागवानी विकास अधिकारी प्रेम सिंह, हरजीत सिंह, परमिंदर सिंह, लखबीर सिंह व अन्य कर्मचारी मौजूद थे।
किसानों की आय बढ़ाने व मिट्टी, पानी व हवा को दूषित होने से बचाती है जैविक खादें : किसानों के लिए जैविक खादों के लाभ व सुचारु प्रयोग संबंधी प्रदेश स्तरीय ट्रेनिंग व जागरुकता कैप
Sep 20, 2023