किसान आंदोलन-02 : 3 किसानों और 3 पुलिस जवानों की मौत – पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर गंवाई जान

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चंडीगढ़ :  पंजाब-हरियाणा के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर 13 फरवरी से में चल रहे किसान आंदोलन दौरान 8 दिनों में अलग-अलग कारणों से अभी तक  6 लोगों की मौत हो चुकी है। मरने वालों में 3 किसान और 3 पुलिस कर्मचारी शामिल हैं। किसान नेताओं और केंद्र सरकार के बीच 18 जनवरी को चौथे दौर की बैठक हुई थी। मीटिंग में सरकार ने 5 फसलों पर MSP देने का प्रस्ताव दिया। किसानों ने प्रस्ताव को ठीक न बताते हुए खारिज कर दिया है। कल युवा किसान शुभकरण सिंह की गोली लगने से मौत के बाद दिल्ली कूच 2 दिन के लिए स्थगित कर किसान नेताओं ने शंबु व खनौरी बॉर्डर पर डटे रहने की घोषणा के बाद किसान दोनों बॉर्डरों पर डटे हुए है।

14 फरवरी को पहली मौत :   14 फरवरी को शंभू बॉर्डर पर गुरदासपुर के किसान ज्ञान सिंह की हार्ट अटैक से मौत हो गई। ज्ञान सिंह 11 फरवरी को किसान मजदूर संघर्ष कमेटी जोन बाबा नामदेव जी के जत्थे के साथ किसान आंदोलन में शामिल होने के लिए शंभू बॉर्डर पर गए थे। ज्ञान सिंह पर बैंक का 3 लाख का कर्ज था। इसी कर्जमाफी के लिए वह आंदोलन में शामिल हुए।  14 फरवरी को शंभू बॉर्डर पर अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई। उन्हें पटियाला के राजिंदरा अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों ने बताया कि ज्ञान सिंह को दिल का दौरा पड़ा। इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।

16 फरवरी को सब इंस्पेक्टर हीरालाल को हार्ट अटैक आया  :  पानीपत के समलखा GRP में तैनात सब इंस्पेक्टर  हीरालाल (58) की 13 फरवरी को किसान आंदोलन के चलते अंबाला में ड्यूटी लगी थी। इसी दिन वह आंसू गैस के गोले से निकलने वाले धुएं में चक्कर खाकर गिर गए। उन्हें उपचार के लिए अंबाला कैंट सिविल अस्पताल में दाखिल करवाया गया। जहां 16 फरवरी को उनकी इलाज के दौरान मौत हो गई। हीरालाल मूल रूप से सोनीपत के खरखौदा के रहने वाले थे। उनकी समालखा के चुलकाना में ससुराल थी। पहले उनका परिवार यहीं रहता था। करीब डेढ़ साल पहले उनकी पत्नी कृष्णा कुमारी की कैंसर से मौत हो गई थी। इसके बाद परिवार चुलकाना से समालखा सिटी की न्यू दुर्गा कॉलोनी में शिफ्ट हो गए थे। पत्नी की मौत के बाद हीरालाल की ट्रांसफर अंबाला से समालखा GRP में हो गई थी। सितंबर 2024 में उनकी रिटायरमेंट होनी थी।

18 फरवरी को किसान मनजीत सिंह की मौत :   हरियाणा-पंजाब के खनौरी बार्डर पर पटियाला के पातड़ां के कांगथला गांव के किसान मनजीत सिंह (72) की मौत हो गई। 18 फरवरी की शाम 4 मनजीत सिंह की तबीयत बिगड़ गई थी, जिसके बाद उन्हें नजदीकी अस्पताल ले जाया गया। गंभीर हालत में उन्हें पटियाला के राजिंदरा अस्पताल रेफर कर दिया। वहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। डॉक्टरों के अनुसार मंजीत सिंह को हार्ट अटैक आया था। किसान नेताओं ने मनजीत सिंह मौत के लिए हरियाणा पुलिस द्वारा धक्केशाही को जिम्मेदार बताया था। यही नहीं, मनजीत सिंह का पोस्टमॉर्टम करवाने से इनकार करते हुए पहले कार्रवाई करने की मांग की थी। साथ ही मृतक किसान के परिवार को मुआवजा दिया जाए। इसके अलावा घर के एक मेंबर को नौकरी दी जाए।

20 फरवरी को पुलिसकर्मी की मौत :    हरियाणा के टोहाना में पंजाब बॉर्डर पर तैनात पुलिसकर्मी सब इंस्पेक्टर विजय कुमार (40) की 20 फरवरी की देर शाम मौत हो गई। ड्यूटी के दौरान अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। विजय कुमार हरियाणा प्रवर्तन ब्यूरो नूंह चौकी में कार्यरत थे।

21 फरवरी को खनौरी बॉर्डर पर युवा किसान शुभकरमन सिंह की मौत :  खनौरी बॉर्डर पर 21 फरवरी को युवा किसान शुभकरमन सिंह की मौत हो गई। वह बठिंडा में रामपुरा इलाके के बल्लो गांव का रहने वाला था। शुभकरमन का शव पटियाला के राजिंदरा मेडिकल कॉलेज एंड अस्पताल लाया गया है। वह 2 बहनों का अकेला भाई था। अभी शुभकरमन सिंह की मौत के कारणों का पता नहीं चल पाया है। बताया गया है कि उसके सिर में चोट लगी थी।

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