चंडीगढ़ । जाब में किसानों का आंदोलन लगातार बढ़ता जा रहा है. हाल ही में मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ हुई बैठक के दौरान जमकर हंगामा हुआ, जिसके बाद सीएम को बैठक बीच में छोड़नी पड़ी थी। किसानों का आरोप था कि उनकी मांगों को अनसुना किया गया था।
इसके बाद, किसानों ने 16 मार्च को एक और बैठक का ऐलान किया, जिसमें मुख्यमंत्री को आमंत्रित कर चर्चा करने का निर्णय लिया गया था। हालांकि, सरकार से इस पर कोई सकारात्मक जवाब नहीं आया।
गांव लेले में हुई घटनाओं की कड़ी निंदा
किसानों ने बैठक में हाल ही में गांव लेले में हुई घटनाओं की कड़ी निंदा की, जहां उनके साथ कथित तौर पर दुर्व्यवहार किया गया था। किसानों ने साफ कहा कि वे इस अन्याय के खिलाफ खड़े रहेंगे और इसका विरोध करेंगे बैठक में यह फैसला लिया गया कि अब किसान अपनी मांगों को लेकर आंदोलन को और तेज करेंगे। 26 मार्च को, जब पंजाब का बजट पेश होगा, किसान चंडीगढ़ के सेक्टर 34 ग्राउंड में इकट्ठा होंगे और वहां से पैदल मार्च करते हुए पंजाब विधानसभा तक पहुंचेंगे।
किसान संगठन पूरे पंजाब में जागरूकता अभियान चलाने की योजना बना रहे हैं। पर्चे वितरित कर विभिन्न जिलों में लोगों को आंदोलन से जोड़ने की कोशिश की जाएगी, साथ ही बरनाला, अमृतसर और जालंधर में किसान महापंचायतों का आयोजन भी किया जाएगा, जहां आगामी रणनीति पर चर्चा होगी।
किसानों का कहना है कि सरकार लगातार उनकी मांगों की अनदेखी कर रही है, जैसे कि एमएसपी की गारंटी और कर्जमाफी ।. यदि सरकार उनकी मांगों को नजरअंदाज करती है, तो किसानों ने चेतावनी दी है कि वे आंदोलन को और तेज करेंगे।