गढ़शंकर। कीर्ति किसान यूनियन और डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट ने प्रदेश स्तरीय आह्वान पर स्थानीय गांधी पार्क में धरना देकर 84 में सिखों और पंजाबियों के नरसंहार को लेकर रोष प्रकट की। इस समय किरती किसान यूनियन और राज्य नेता हरमेश ढेसी और डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट के राज्य संयुक्त सचिव मुकेश कुमार ने कहा कि सिखों को 40 साल बीत जाने के बाद भी न्याय नहीं दिया गया और ना ही आरोपियों को सजा हुई। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी की मृत्यु के बाद देश में सिखों की हत्याएं की गई । इसके पीछे तत्कालीन कांग्रेस सरकार और आरएसएस की सोची-समझी साजिश थी। इससे पहले देश के कुछ हिस्सों में राजनीतिक नेताओं की हत्या की गई थी ।उस वक्त तो ऐसी घटनाएं नहीं हुईं । लेकिन 1984 में सिखों के प्रति ऐसी नफरत का मुद्दा असल में आरएसएस के अल्पसंख्यकों को निशाना बनाना था।
उक्त नेताओं ने कहा कि इस समय की भाजपा-आरएसएस सरकार इस देश की बिभिन्ता को नष्ट कर इसे एक रंग में रंगने की संप्रदायक नीति के तहत काम कर देश पर नागरिकता संशोधन कानून और समान नागरिक संहिता लागू करने का प्रयास कर रही है। ये दोनों कानून अल्पसंख्यकों के लिए खतरे की घंटी हैं। इन कानूनों के खिलाफ आवाज उठाने वाले लेखकों, बुद्धिजीवियों और संगठनात्मक कार्यकर्ताओं को जेल में डाल दिया गया है, जमानत का अधिकार नहीं दिया जा रहा है और ऐसी नीतियों के तहत सजा पूरी कर चुके सिख कैदियों को भी जेलों में बंद कर दिया जाता है। इस मौके पर किरती किसान यूनियन के जिला नेता कुलविंदर चहल, सुरजीत सिंह बड़ेसरों, डीटीएफ नेता सुखदेव डांनसीवाल, जरनैल सिंह, जसविंदर सिंह, पेंशनर नेता बलवीर सिंह खानपुरी, हंस राज गढ़शंकर, सतपाल कलेर, गुरमेल सिंह, प्रिंसिपल डॉ. बिकर सिंह और पंजाब छात्र संघ के प्रदेश नेता बलजीत सिंह धर्मकोट ने संबोधित किया।
कीर्ति किसान यूनियन द्वारा 84 के सिख नरसंहार के खिलाफ किया रोष प्रदर्शन : सिखों को 40 साल बीत जाने के बाद भी न्याय नहीं दिया और ना ही आरोपियों को सजा हुई – हरमेश ढेसी, मुकेश कुमार
Nov 04, 2024