केंद्र सरकार ने एमएसपी कमेटी बनाई : संयुक्त किसान मोर्चा ने कमेटी को नकारा

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चंडीगढ़: 18 जुलाई
केंद्र सरकार ने फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कमेटी बना दी है। इस बहुप्रतिक्षित कमेटी का चेयरमैन पूर्व कृषि सचिव संजय अग्रवाल को बनाया गया है। नीति आयोग की तरफ से रमेश चंद इसके मेंबर होंगे। कमेटी में संयुक्त किसान मोर्चा के भी 3 मेंबर शामिल होंगे। केंद्र सरकार के मुताबिक यह कमेटी किसानों के लिए एमएसपी मिलने की व्यवस्था को अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाने के लिए सुझाव देगी। कृषि लागत और मूल्य आयोग को अधिक वैज्ञानिक बनाने का सुझाव भी देगी।
केंद्र सरकार की ओर से जारी गजट नोटिफिकेशन के अनुसार, भारतीय आर्थिक विकास संस्थान से डॉ. सीएससी शेखर और आईआईएम अहमदाबाद से डॉ. सुखपाल सिंह को बतौर कृषि अर्थशास्त्री इस कमेटी में शामिल किया गया है। इसमें नेशनल लेवल पर पुरस्कार विजेता किसान के तौर पर भारत भूषण त्यागी को शामिल किया गया है।
कमेटी में किसान संगठनों से गुणवंत पाटिल, कृष्णबीर चौधरी, प्रमोद कुमार चौधरी, गुणी प्रकाश और सैय्यद पाशा पटेल को लिया गया है। किसान सहकारिता समूह प्रतिनिधि के तौर पर इफको चेयरमैन दिलीप संघानी और सीएनआरआई के महासचिव बिनोद आनंद को लिया गया है। सीएसीपी के वरिष्ठ सदस्य नवीन पी सिंह भी इसमें होंगे।
सरकार ने एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के कुछ वाइस चांसलर (वीसी) को भी कमेटी में शामिल किया है। इनमें राष्ट्रीय कृषि विस्तार संस्था के महानिदेशक डॉ. पी चंद्रशेख्रर, शेर-ए-कश्मीर यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर साइंसेज के वीसी डॉ. जेपी शर्मा और जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर के वीसी डॉ. प्रदीप कुमार बिसेन शामिल हैं। भारत सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के सचिव, कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग के सचिव, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के सचिव, सहकारिता मंत्रालय के सचिव और वस्त्र मंत्रालय के सचिव को भी इस कमेटी में रखा गया है। इनके अलावा संयुक्त सचिव फसल को मेंबर सेक्रेटरी के तौर पर कमेटी में शामिल किया गया है।
हालांकि संयुक्त किसान मोर्चा ने कमेटी को नकार दिया है। एसकेएम नेता डॉ. दर्शनपाल ने कहा कि यह कमेटी खास तौर पर एमएसपी के लिए होनी चाहिए। इस कमेटी में कई दूसरी चीजें भी जोड़ी गई हैं। इसके अलावा कमेटी को एमएसपी का कानूनी हक देने का अधिकार होना चाहिए। इसके अलावा यह कमेटी टाइम बाउंड होनी चाहिए। यह कमेटी असरदार नहीं सिर्फ सुझाव देने तक सीमित है। उन्होंने कहा कि एसकेएम की मीटिंग बुलाकर इस पर अंतिम फैसला लिया जाएगा।

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