मोहाली : मोहाली निवासी कैब ड्राइवर अनिल कुमार की हत्या की गुत्थी सुलझाते-सुलझाते पुलिस ने जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े एक खतरनाक टेरर मॉड्यूल का पर्दाफाश कर दिया. इस केस में जम्मू-कश्मीर से तीन लोगों की गिरफ्तारी हुई है।
इनकी पहचान साहिल बशीर, उसका भाई ऐजाज अहमद उर्फ वसीम और मुनीश सिंह उर्फ अंश के रूप में हुई है. तीनों आरोपी आतंकी संगठन से जुड़े ओवरग्राउंड वर्कर बताए जा रहे हैं।
पंजाब के डीजीपी गौरव यादव ने खुलासा किया कि साहिल बशीर पहले से ही यूएपीए और आर्म्स एक्ट के मामलों में वांछित था. उसका भाई ऐजाज अहमद हथियारों के जखीरे के साथ पकड़ा जा चुका है. ये दोनों जैश-ए-मोहम्मद के लिए जमीनी स्तर पर काम करने वाले लोग हैं, जिनका नेटवर्क पंजाब तक फैला हुआ था. पूछताछ में आरोपियों ने कबूल किया है कि झगड़े के बाद उन्होंने ड्राइवर को गोली मार दी थी।
28 अगस्त को कैब ड्राइवर अनिल कुमार का लापता हो गया था. उसी दिन तीनों आरोपियों ने खरड़ से उसकी कैब किराए पर ली थी. इसके बाद अचानक ड्राइवर का मोबाइल बंद हो गया. उसकी गाड़ी भी गायब मिली. पुलिस ने जब जांच शुरू की तो मामला सीधा-सीधा अपहरण और हत्या की ओर इशारा करने लगा. इसके बाद कई टीमों को लगाकर जब पुलिस ने दबिश दी तो तीनों आरोपी हिरासत में ले लिए गए।
पुलिस ने घटनास्थल से .32 बोर की पिस्तौल और छिनी गई गाड़ी बरामद कर ली है. ड्राइवर का शव खोजने के लिए तलाशी अभियान जारी है. डीजीपी ने एक्स (ट्विटर) पर पोस्ट कर दावा किया कि यह पंजाब पुलिस की बड़ी सफलता है. एक वारदात की तफ्तीश के दौरान एक बड़े आतंकी मॉड्यूल का खुलासा हुआ है. उन्होंने कहा कि पंजाब की धरती पर किसी भी राष्ट्र-विरोधी गतिविधि को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
इस टेरर मॉड्यूल के पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए पंजाब पुलिस की कई समर्पित टीमें लगातार काम कर रही हैं. यह केस एक बार फिर साबित करता है कि आतंकी संगठन अब पंजाब की शांत फिजा को अस्थिर करने की साजिश रच रहे हैं. लेकिन पुलिस की त्वरित कार्रवाई ने न सिर्फ एक हत्या की गुत्थी सुलझाई, बल्कि एक खतरनाक साजिश को भी वक्त रहते उजागर कर दिया है।