गढ़शंकर। गढ़शंकर के गांव कोकोवाल मज़ारी व गढ़ीमानसोवल जंगलों की खड्डों में अवैध माइनिंग चल रही है। बरसात के मौसम के पहले भी माइनिंग माफिया ने हजारों टिप्पर बोल्डर पत्थर के उठा लिए थे और जमकर अवैध माइनिंग की थी और बरसात दौरान भारी बारिश के बाद अवैध माइनिंग के सभी निशान मिट गए थे। अब बरसात के बाद एक बार फिर माइनिंग माफिया सरगर्म हो गया है।
गढ़शंकर के गांव कोकोवाल मज़ारी व गढ़ीमानसोवल के जंगलों में गत तीन दिन से बरसात का मौसम खतम होते ही माइनिंग माफिया एक बार अवैध माइनिंग में जुट गया। जिसके चलते जंगल में खड्डों में से जेसीवी लगाकर वीस से तीस फुट तक खुदाई कर टिप्परों में भरकर ले जा रहे है। जिसके बाद एक बार फिर बोल्डर पत्थर उठा कर ले जा रहे है और सरकार को करोड़ो का चुना लगाना शुरू कर दिया है।
गढ़शंकर के गांव कोकोवाल मज़ारी व गढ़ीमानसोवल के जंगलों के सीमाएं श्री अनंदपुर साहिब हल्के के गांव भंगला और हिमाचल के गांव बाथड़ी के साथ लगती है। इसी के चलते माइनिंग माफिया इन सीमाओं का फायदा उठाते हुए जमकर अवैध माइनिंग करता है और दोनों और के सबंधित विभाग इसे एक दूसरे के सीमाओं में हुई माइनिंग बता कर आपने आप को पाक साफ बताने में जुट जाते है। हर वर्ष इन खड्डों में अवैध माइनिंग कर माइनिंग माफिया बोल्डर पत्थर उठा लेता है। जिससे करोड़ो रुपए का यहां सरकार को चुना हर वर्ष लगाया जा रहा है। इसके इलावा बरसात के मौसम में अवैध माइनिंग के कारण खड्डों व छोटी पहाड़ियों का नामोनिशान मिटाने से श्री आनंदपुर साहिब के गांव भंगला में बारिश के पानी भरने से गांव में लोगों को भारी नुक्सान हुआ था। चारों गाँवो की सीमाओं हो रही अवैध माइनिंग के मामले में पंजाब व हिमाचल प्रदेश के उच्चाधिकारियों को जांच करवानी चाहिए ताकि एक दूसरे की सीमा बताकर सब डिवीज़न सत्तर के अधिकारी अपनी जिम्मेवारी से बच न सके।
गढ़शंकर के डीएफओ हरभजन सिंह : अवैध माइनिंग हमारे क्षेत्र में नहीं हो रही। यह तो श्री आनंदपुर साहिब के क्षेत्र में रही है। इसकी निशानदेही की गई थी। कोकोवाल मज़ारी व गढ़ी मानसेवाल के जंगल में अवैध माइनिंग का पता करेंगे और अगर इधर माइनिंग हुई है तो करवाई की जाएगी।
