गढ़शंकार । भाजपा नेता निमिशा मेहता ने मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा मानसा में किसानों को कपास के फसली नुक्सान के दिए गए मुआवजे के बारे में बातचीत करते हुए कहा कि भगवंत मान ने कांग्रेस की पिछली सरकार द्वारा करवाई गईं गिरदावरियों के आधार पर ही मुआवजा दिया है। जिसकी आलोचना उनकी लीडरशिप कांग्रेस राज में करती रही है। अब आम आदमी पार्टी की सरकार आ चुकी है तथा उन्हें कपास का मुआवजा उसी पैमाने पर दिया जाना चाहिए जैसे खटकड़ कलां में आप के मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समागम में दिया गया था।
मुख्यमंत्री ने मानसा में कहा कि भविष्य में किसानों को गिरदावरी किए जाने से पहले ही 17-18 हजार रुपये प्रति एकड़ मुआवजा देने की बात की है पर यहां सबसे गंभीर प्रश्न यह उठता है कि खटकड़ कलां में मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समागम के लिए फसलों को उजाड़ा जाता है तथा उसका मुआवजा 45 हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से दिया जाता है जबकि कुदरती आपदा की स्थिति में किसानों को कम मुआवजा देने की बात कही जा रही है।
इसका मतलब है कि किसान यदि सरकारी कार्यक्रमों के लिए फसलों को नष्ट करते हैं तो उन्हें बढिय़ा मुआवजा मिलेगा। यह परंपरा बहुत गलत है तथा मानसा में किसानों को दिए गए इस मुआवजे पर भी मुख्यमंत्री मान को पुन: विचार करना चाहिए तथा इस मुआवजे को बढ़ा कर दिया जाना चाहिए। इसके साथ ही भविष्य में भी किसान को कुदरती आपदा से हुए नुकसान की स्थिति में उचित मुआवजा देने की नीति बनाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि पंजाब की जनता ने आम आदमी पार्टी को पूर्ण बहुमत देकर सत्ता में बिठाया है तथा अब सरकार को जनता की उम्मीदों पर खरा उतरना चाहिए।
निमिशा मेहता ने कहा कि पंजाब के किसानों के लिए वह सरकार द्वारा खटकड़ कलां में किसानों को दिए मुआवजे की जानकारी आरटीआई द्वारा हासिल करेंगे तथा अखबारों में इस संबंधी आई खबरों के आधार पर जरुरत पडऩे पर जन हित के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे क्योंकि कुदरती आपदा से हुए नुकसान तथा सरकारी समागम के लिए नष्ट की गई फसल के मुआवजे में भेदभाव नहीं होना चाहिए।
