चंडीगढ़ : पंजाब की खडूर साहिब सीट से सांसद बने अमृतपाल सिंह को झटका लगा है। उनकी एनएसए की अवधि को एक साल के लिए बढ़ा दिया गया है। अमृतपाल सिंह असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं। अमृतपाल और उनके नौ साथियों को पिछले साल अप्रैल में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत गिरफ्तार किया गया था। ये सभी असम की जेल में बंद हैं। अमृतपाल का परिवार उन्हें पंजाब की जेल में शिफ्ट करने की मांग करता रहा है।
अमृतपाल सिंह के वकील हरपाल सिंह खारा ने कहा,”मार्च 2025 तक एनएसए की अवधि बढ़ाई गई है। मैं कहूंगा कि ये कानून के खिलाफ है। भगवंत मान की सरकार ने गलत काम किया है। 10 लोगों को बिना वजह जेल में बिठाया हुआ है। कोई एफआईआर दर्ज नहीं है, कोई मुकदमा नहीं है। लोगों ने उन्हें इतनी बड़ी लीड से जिताया है।।जब लोगों ने उन्हें बुरा नहीं माना तो सरकार को क्या दिक्कत है।
वारिस पंजाब दे’ के नेता अमृतपाल पर आरोप है कि उन्होंने पुलिस थाने पर हमला कर दिया था।।इस दौरान पुलिसकर्मियों पर तलवार और लाठी-डंडों से हमला किया गया था। यह मारपीट अमृतपाल के एक समर्थक की रिहाई की मांग को लेकर शुरू हुई थी। इस घटना के बाद अमृतपाल के साथियों को गिरफ्तार किया गया था और अमृतपाल की तलाश चल रही थी।उन्हें घटना के दो महीने बाद गिरफ्तार किया गया था।
बिना प्रचार ही चुनाव जीते अमृतपाल सिंह
अमृतपाल के अलावा पापलप्रीत सिंह, दलजीत कलसी, बसंत सिंह, गुरमीत सिंह भुखनवाला, भगवंत सिंह, हरजीत सिंह, कुलवंत सिंह धालीवाल, गुरिंदर पाल सिंह और वरिंदर सिंह पर एनएसए लगाया गया है. उधर, अमृतपाल ने इस साल खडूर साहिब सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ा और वह चुनाव जीत भी गए। चुनाव जीतने के बाद उनके माता-पिता उससे मिलने डिब्रूगढ़ की जेल पहुंचे थे।
कांग्रेस के कुलबीर सिंह जीरा को हराया : माता-पिता ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उन्हें खुशी है कि बेटा सांसद बन गया। पिता ने कहा कि उन्होंने बेटे के चुनाव के लिए कोई मेहनत नहीं की बल्कि खडूर साहिब की जनता ही उसे जिताने में लग गई और उनके समर्थन से अमृतपाल ने चुनाव जीता है। अमृतपाल ने निर्दलीय चुनाव लड़ते हुए चार लाख से ज्यादा वोट हासिल किए। उसने कांग्रेस के कुलबीर सिंह जीरा को 197120 वोटों से हरा दिया। जीरा को केवल 207310 वोट हासिल हुए थे।