गढ़शंकर – खालसा कॉलेज गढ़शंकर में विज्ञान विभाग की ओर से ‘सतत विकास के लिए जल संचयन की विधि और चुनौतियाँ’ विषय पर एक दिवसीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन सचिव डॉ. कुलदीप कौर, विभागाध्यक्ष विज्ञान विभाग मनबीर कौर, प्रमुख वक्ता प्रो. मलकीत सिंह सैनी, मुख्य वक्ता डॉ. बलविंदर सिंह लखेवाली व सामाजिक विज्ञान विभागाध्यक्ष प्रो. लखविंदरजीत कौर ने दीप प्रज्वलित कर किया। कार्यवाहक प्राचार्य प्रो. जसपाल सिंह ने वक्ताओं का गर्मजोशी से स्वागत किया। गोष्ठी को संबोधित करते हुए प्रो. मलकीत सिंह सैनी ने उद्योगों, घरेलू और कृषि क्षेत्र में पानी के दुरूपयोग और उसके गंभीर परिणामों पर आधारित तथ्यों को प्रस्तुत किया। उन्होंने श्रोताओं को जल संरक्षण के तकनीकी पहलुओं, सरकारों की उपेक्षा और भविष्य की चुनौतियों से अवगत कराया और सभी को अपने-अपने स्तर पर जल संरक्षण और दुरूपयोग को रोकने के प्रयास करने के लिए प्रेरित किया।प्रथम सत्र प्रवक्ता डॉ. पर्यावरण, जैविक खेती, जल संरक्षण जैसे मुद्दों पर कई संगठनों के साथ सक्रिय बलविंदर सिंह लखेवाली ने ऐतिहासिक, धार्मिक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से जल और जीवन के संबंध में व्याख्या प्रस्तुत की। उन्होंने जोर देकर कहा कि तकनीकी नवाचारों से इंकार नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि पर्यावरण की रक्षा के लिए इसका कब, कहां और कितना उपयोग करना है। दूसरे सत्र के वक्ता जैविक खेती विशेषज्ञ गुरमुख सिंह ने जल संरक्षण के लिए कृषि विविधीकरण अपनाने पर जोर दिया। उन्होंने अपने अनुभवों के आधार पर श्रोताओं को बताया कि पर्यावरण संरक्षण में जैविक खेती और मोटे अनाज के उत्पादन की महत्वपूर्ण भूमिका है। कार्यक्रम का संचालन डॉ. हरविंदर कौर ने किया। इस अवसर पर कार्यक्रम में पहुंचे छात्र-छात्राओं व प्राध्यापकों ने अपने-अपने शोध प्रस्तुत किए। अंत में प्रो. लखविंदरजीत कौर ने सभी का धन्यवाद किया।