रोहित जसवाल। ऊना : ऊना जिले में बढ़ते अवैध खनन को लेकर बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह ठाकुर ने सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब खुद उपमुख्यमंत्री मंच से अवैध खनन रोकने की अपील कर रहे हैं, तो यह किसकी जिम्मेदारी है कि इस समस्या पर लगाम लगाई जाए? बिक्रम ठाकुर ने कहा कि यह चिंता का विषय है कि ऊना जिले में ऐसा कौन सा व्यक्ति या नेटवर्क है, जो सरकार से भी ताकतवर बन बैठा है और बिना किसी डर के अवैध खनन चला रहा है। उपमुख्यमंत्री को सार्वजनिक मंच से अपनी बेबसी जाहिर करनी पड़ रही है, जिससे यह सवाल खड़ा होता है कि इस मुद्दे पर सरकार कितनी प्रभावी है।
सरकार की नाकामी पर सवाल
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार अवैध खनन पर कार्रवाई करने में असफल रही है। बिक्रम ठाकुर ने कहा कि सरकार को चाहिए था कि ऐसे माफियाओं पर सख्त कार्रवाई कर एक उदाहरण पेश करे, लेकिन जब खुद उपमुख्यमंत्री अपील करने पर मजबूर हैं, तो यह सरकार की कार्यक्षमता पर गंभीर सवाल खड़े करता है। क्या यही ‘व्यवस्था परिवर्तन’ है, जिसका वादा चुनावों से पहले किया गया था?
अवैध खनन का बढ़ता खतरा
ऊना जिले में अवैध खनन लंबे समय से एक बड़ा मुद्दा रहा है। खनन माफिया न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहे हैं, बल्कि सरकारी राजस्व को भी भारी क्षति हो रही है। स्थानीय लोग इस समस्या से परेशान हैं और कई बार इस पर आवाज उठा चुके हैं, लेकिन अब तक किसी ठोस कार्रवाई का अभाव नजर आता है।
कानून व्यवस्था पर सवाल
बिक्रम ठाकुर ने कहा कि अवैध खनन को रोकने की जिम्मेदारी सीधे तौर पर सरकार और प्रशासन की है। उन्होंने कहा कि अगर उपमुख्यमंत्री स्वयं इस मुद्दे पर असहाय महसूस कर रहे हैं, तो यह दर्शाता है कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति क्या है। सरकार को चाहिए कि वह इस मुद्दे पर तुरंत कदम उठाए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे।
सरकार पर दबाव बढ़ा
बिक्रम ठाकुर के इस बयान के बाद विपक्ष ने सरकार पर दबाव और बढ़ा दिया है। बीजेपी ने अवैध खनन के मुद्दे को लेकर सरकार की नीतियों और कार्य शैली पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को तत्काल अवैध खनन माफिया के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ऊना में यह गौरखधंधा बंद हो।