कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने एक बार फिर से देश की खुफिया एजेंसियों के लिए कानूनी ढांचा और संसदीय निगरानी स्थापित करने पर जोर दिया है। तिवारी ने कहा कि उन्होंने पहली बार 2011 के बजट सत्र में एक निजी सदस्य का विधेयक पेश किया था, जिसमें खुफिया एजेंसियों को कानूनी आधार पर स्थापित करने और उनके लिए संसदीय निगरानी का प्रावधान करने का प्रस्ताव था।
हालांकि, उनके मंत्री बनने के बाद वह विधेयक समाप्त हो गया। 2021 के संसद के शीतकालीन सत्र में उन्होंने इस विधेयक को अपडेट कर फिर से पेश किया, लेकिन यह भी जून 2024 में लोकसभा के भंग होने के कारण समाप्त हो गया। तिवारी ने बताया कि अगस्त 2024 में वर्तमान लोकसभा के मानसून सत्र के दौरान उन्होंने इसे तीसरी बार पेश किया है।
उन्होंने कहा कि यह समय की आवश्यकता है कि हमारी खुफिया एजेंसियों को कानूनी रूप से स्थापित किया जाए और उन पर संसदीय निगरानी की मजबूत व्यवस्था हो। अगर यह विधेयक जल्द से जल्द पारित होता है, तो यह भारत के हित में होगा।