अजायब सिंह बोपाराय । गढ़शंकर : गुरू रविदास जी के तपोस्थल,खुरालगढ़ साहिब व श्री गुरू रविदास जी के धार्मिक स्थल चरण छो गंगा में माथा टेकने आने वाले श्रद्धालुओं के लिए गढ़ीमानसोवाल से खुरालगढ़ और खुरालगढ़ से चरण छो गंगा वाया बसी करीव सात किलोमीटर सडक़ पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण खतरनाकर रूप धारण कर चुकी है। कल बस पलटने से करीव एक दर्जन श्रद्धालू घायल हो गए और गत वर्ष वैसाखी से एक दिन पहले से लेकर मई महीने तक करीव डेढ महीने में चार दुर्घटनाओं में 14 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी और करीव 96 श्रद्धालू गंभीर घायल हो गए थे। 12 मई, 2023 को हुई दुर्घटना में सात श्रद्धालुओं की मौत के बाद प्रधानमंत्री ने टवीट कर दुख जताया था। लेकिन प्रशासन ने अभी तक दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कोई पुखता इंतजाम नहीं किए है। लिहाजा कल श्रद्धालुओं से भरी बस के अनियंत्रित होकर पलट गई और करीव बारह श्रद्धालू घायल हो गए।
वैसाखी के अवसर में हजारों की संख्यां श्रद्धालू में बसों, टै्रकटर ट्रालियों, ट्रकों व टैम्पों आदि पर गुरू रविदास जी के तपोस्थल,खुरालगढ़ साहिब व श्री गुरू रविदास जी के धार्मिक स्थल चरण छो गंगा में माथा टेकने आते है। इस दौरान वाहनों के ईलावा उकत सात किलोमीटर सडक़ पर भारी संख्यां में श्रद्धालू पैदल भी चल रहे होते है। वैसाखी के अवसर पर दुर्घटनाओं की अशंका बनी रहती है। क्योंकि इस पहाड़ी क्षेत्र में यहां तीखे मोड़ है तो चढ़ाई व उतराई भी बहुत तीव्र है। सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि तीव्र चढ़ाई या उतराई का वाहन चालकों को पता भी अचानक ही चलता है। क्योंक पहले सडक़ समतल होती तो अचानक आगे चढ़ाई या उतराई आ जाती है। जिससे वाहन अनियंत्रित होकर दुर्घटना का शिकार हो जाते है।
दुर्घटनाओं को रोकने कि लिए अभी तक प्रशासन व लोक निर्माण विभाग ने कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किए है। एक दो जगह सााईन र्बोड लगाए है। वह भी ध्यान से देखे तो पता चलता है । सडक़ के दोनों और कोई मजबूत पिल्लर नहीं लगाए गए है यहां तीव्र चढ़ाई या उतराई है। इसके ईलावा तीव्र चढ़ाई उतराई के पहले ही दो से तीन सौ मीटर पर बड़े बड़े साईन बोर्ड दुर्घटना की चेतावनी देने बाले र्बोड लगाए जाने अवश्यक है ताकि वाहन चालक को पहले ही पता चल जाए कि रास्ता आगे कितना खतरनाक है। बसो टैम्पूओं , ट्रकों व अन्य वाहनों को आना जाने का रास्ता झूगियां अड्डे से खुरालगढ़ वाया हैबोवाल जाने का रास्ता सुरक्षित माना जाता है। क्योंकि गढ़ीमानसोवाल से जाने वाला रास्ता खतरनाक है उतराई और चढ़ाई भी तीव्र है। दूरी कम होने के कारण अधिकांश Ÿद्धालू इसी रास्ते का उपयोग करते है। लेकिन प्रशासन दस महीने बाद भी श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षित रास्ते को तय नहीं कर पाया। लिहाजा अभी भी कम दूरी वाले रास्ते से श्रद्धालू जाने को तरजी देते है।
पहले हुई दुर्घटनाएं : 1. 11 अप्रैल, 2023- अनियंत्रित होकर टैकटर ट्राली सडक़ के साईड पर लगे पिल्लर के ऊपर से नीचे खाई में जा गिरी। जिसमें तीन श्रद्धालुओं की मौत और करीव 31 घायल हो गए थे।
2. 12 अप्रैल, 2023- अनियंत्रित होकर ट्रक ने पैदल जा रहे श्रद्धालुओं को कुचल डाला। जिसमें सात की मौत हो गई और वीस से ज्यादा घायल हो गए थे।
3. 1 मई, 2023-बस ने छोटे हाथी(टैम्पों) को टक्कर मारी और एक की मौत हो गई करीव 12 लोग घायल हो गए थे।
4. 21 मई, 2023 – टैकटर ट्राली पलटा और खाई में गिरा था और तीन की मौत हो गई थी और 33 घायल हुए थे।
एसडीओ बलिंद्र कुमार : एक जगह सडक़ के साईड पर खाई वाली साईड पर एंगल लगाए थे, कल बस के टकराने से टूट गए और शायद उससे बस की सपीड कम हो गई तो बस के में पलटने के काफी बचाव हो गया। अव सभी जगह एंगल लगा दिए जाएगे और दुर्घटनाग्रसत एरिया दिखाने बाले साईन र्बोड भी शीध्र लगाए जाएगे।