चंडीगढ़। गैंगस्टर अपने गुर्गों और स्लीपर सेल की मदद से दिल्ली सहित कई जगहों पर आतंकी हमलों की प्लानिंग कर रहे हैं। यही नहीं इन्होंने टारगेट किलिंग की भी साजिश रची है। जिसमें घातक हथियारों और विस्फोटक इस्तेमाल किया जाना था। गैंगस्टर जग्गू भगवानपुरिया का केस लड़ रहीं चंडीगढ़ की महिला वकील डॉ. शैली शर्मा के घर भी इसी एफआईआर के आधार पर रेड हुई थी। ये बात पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली के गैंगस्टर्स पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की एफआईआर में सामने आई है। यह बड़े स्तर पर लोगों में दहशत फैलाने के लिए टेरेरिस्ट गैंग साइबर स्पेस और सोशल मीडिया के जरिए क्राइम की जानकारी तक देते हैं। इनमें से कुछ गैंग जेल से ऑपरेट किए जा रहे हैं। कुछ गैंग मेंबर्स फरार होकर देश-विदेश में बैठकर नेटवर्क चला रहे हैं। डा. शर्मा के मोबाइल फोन 18 अक्तूबर की रेड के बाद एनआईए कोर्ट, दिल्ली में पेश कर कोर्ट ऑर्डर पर उसका डाटा रिकवर किया गया। चंडीगढ़ में वकीलों ने इसे एविडेंस एक्ट और वकीलों की ड्यूटी में बाधा पहुंचाना बताया था। कई दिनों तक वर्क सस्पेंड भी रखा गया। गैंगस्टर गौरव पटियाल का नाम पिछले वर्ष अगस्त में हुई यूथ अकाली नेता विक्की मिड्डूखेड़ा हत्याकांड में सामने आ चुका है। पटियाल लारेंस बिश्नोई गैंग के एंटी ग्रुप का मेंबर है। लारेंस ने कथित रुप से मिड्डूखेड़ा की हत्या का बदला लेते हुए इसी वर्ष 29 मई को पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या करवाई थी। पटयाल अर्मानिया ने दंविंदर बंबीहा गैंग को ऑपरेट कर रहा है।
मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स के आदेशों पर एनआईए को सौंपी गई थी जांच :
एनआईए पुलिस स्टेशन ने दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल में एसीपी कैलाश सिंह बिष्ट की शिकायत पर यह केस दर्ज किया था। जिसमें चंडीगढ़ की महिला वकील डा. शैली शर्मा के घर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की रेड का आधार दिल्ली पुलिस की 7 अगस्त को दर्ज एक एफआईआर थी। मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स (एमएचए) के आदेशों पर इसकी जांच एनआईए को सौंपी गई थी। जिसके आधार पर आईपीसी की धारा-120 और यूए (पीए) एक्ट की धारा 18, 18-बी और 20 के तहत 26 अगस्त में केस दर्ज कर जांच आगे बढ़ाई गई थी। इस केस में मिले इनपुट के आधार पर एनआईए ने गैंगस्टर्स के घरों व अन्य जगहों पर रेड की थी। वहीं चंडीगढ़ में डा. शैली शर्मा समेत बठिंडा, गुरुग्राम और दिल्ली में कुल 4 एडवोकेट्स के घरों और ऑफिसों में रेड की थी। यह वकील गैंगस्टर्स के केस लड़ रहे थे। चंडीगढ़ में डा. शैली शर्मा ए प्लस कैटेगरी के गैंगस्टर्स जग्गू भगवानपुरिया सहित कई बड़े गैंगस्टर्स की तरफ से पैरवी कर रही हैं।
गैंगस्टर्ज देश में दहशत पैदा करने के लिए करवाना चाहते हैं आतंकी हमला :
दरअसल दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को अहम जानकारी मिली थी कि भारत और विदेशों में बैठे क्रिमिनल सिंडिकेट/गैंग के मेंबर ने दिल्ली सहित देश के अलग हिस्सों में आतंकी हमलों की साजिश रची है। गौरव पटियाला उर्फ सौरव ठाकुर, सुखदुल सिंह उर्फ सुख दुन्नेके, गुरपिंदर सिंह उर्फ बाबा डलिया, कौशल उर्फ नरेश, नीरज सेहरावत उर्फ नीरज बवाना, सुनील मान उर्फ सुनील बलियां, अमित डागर, भूपिंदर सिंह उर्फ भूप्पी राणा युवाओं को भर्ती कर रहे हैं ताकि देश में आतंकी हमले कर लोगों में दहशत पैदा कर सकें।
गैंगस्टर्स के इन एड्रेसों पर की गई रेड : एनआईए ने देश के कई हिस्सों में गैंगस्टर्स के घरों में बीते दिनों रेड की थी। जानकारी के मुताबिक गैंगस्टर गौरव पटियाल के न्यू कॉलोनी, खुड्डा लौहारा चंडीगढ़, सुखदुल सिंह सिंह के दुन्नेके, मोगा, गुरपिंदर सिंह के लुधियाना सिटी, कौशल के नाहरपुर रुपा, गुरुग्राम, नीरज भवाना के गांव भवाना, दिल्ली, सुनील मान के ताजपुर कलां, दिल्ली, अमित डागर के नाहरपुर रुपा, गुरुग्राम और भूपिंदर सिंह के डेराबस्सी (मोहाली) में रेड की गई थी।
क्राईम की गंभीरता व राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय तारों को देखते हुए एनआईए को सौंपी थी जांच :
7 अगस्त को दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज केस के मुताबिक गैंग मेंबर्स वसूली, धमका, ड्रग स्मगलिंग, गैर-कानूनी हथियारों को बेच कर फंड जुटा सकते हैं। इस फंड का आतंकी गतिविधियों में प्रयोग किए जाने सहित युवाओं की गैंग में भर्ती के लिए रकम का इस्तेमाल हो सकता है। इससे इनकी आतंकी गतिविधियां बढ़ेंगी। केंद्र ने पाया था कि इस प्रकार का क्राइम एनआईए एक्ट, 2008 के तहत आता है। क्राइम की गंभीरता को देखते हुए और इसके राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय तार जुड़ते देख केस की जांच एनआईए को सौंप दी गई थी। आईपीएस संतोष कुमार मीना को केस के चीफ इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर(सीईओ) का जिम्मा सौंपा गया था।
खुलासा : गैंगस्टर दिल्ली सहित कई जगहों पर कर रहें आतंकी हमलों की प्लानिंग
Nov 08, 2022