गुजरात के बंदरगाहों से देशभर में फैलता नशा…. चीमा के आरोपों के बाद कंगना के बयान पर क्यों उठ रहे हैं सबसे बड़े सवाल

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चंडीगड़ । गुजरात के बंदरगाहों से होने वाली नशे की तस्करी पर पंजाब के मंत्री हरपाल चीमा के बयान ने पूरे देश में बहस छेड़ दी है। कंगना रनौत के पंजाब पर नशे को लेकर दिए बयान के बाद अब ध्यान गुजरात की ओर मुड़ गया है।

चीमा ने सीधे प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब भी बड़े नशा तस्करी मामलों का खुलासा होता है, उसका धागा गुजरात से ही जुड़ता है। उन्होंने कंगना को चुनौती दी कि अगर उन्हें सच जानना है तो पंजाब नहीं,

बल्कि गुजरात में जाकर सर्वे करें। यह बयान सोशल मीडिया पर भी जोरदार तरीके से चर्चा में है और लोग पूछ रहे हैं कि आखिर सच कौन बोल रहा है। यह मामला अब सिर्फ बयानबाजी का नहीं, बल्कि पूरे देश की नशामुक्ति नीति पर सवाल खड़ा कर रहा है।

कंगना के बयान से विवाद भड़का

हिमाचल प्रदेश की सांसद और फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत ने हाल ही में नशे पर बयान दिया था, जिसमें उन्होंने कहा कि पंजाब में नशे की समस्या बेहद गंभीर है और यहां के युवा बर्बाद हो रहे हैं। यह बयान आते ही सोशल मीडिया पर विवाद भड़क गया। पंजाब के कई नेताओं और लोगों ने कंगना के इस बयान को पंजाब का अपमान बताया और विरोध करना शुरू कर दिया। लोग कहने लगे कि कंगना को पंजाब की सच्चाई नहीं पता और वह सिर्फ मीडिया में सुर्खियां पाने के लिए ऐसा बोल रही हैं। उनका यह बयान चुनावी माहौल में भी बहस का विषय बन गया।

मंत्री हरपाल चीमा का सीधा पलटवार

पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कंगना के बयान का कड़ा जवाब दिया। उन्होंने कहा कि अगर कंगना को नशे की असली सच्चाई जाननी है तो उन्हें गुजरात जाकर भी देखना चाहिए, क्योंकि देश में सबसे ज्यादा नशा वहीं से आता है। चीमा ने कहा कि गुजरात के बंदरगाहों से नशे की सप्लाई पूरे भारत में फैलती है और यह बात सभी जानते हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर भी निशाना साधा और कहा कि जब भी नशा तस्करों का मामला उठता है, उसका लिंक गुजरात से जुड़ा मिलता है।

पंजाब की स्थिति पर सफाई दी गई

हरपाल चीमा ने स्पष्ट किया कि पंजाब की स्थिति अब पहले जैसी नहीं रही। उन्होंने कहा कि केंद्र की एक हालिया रिपोर्ट में बताया गया है कि नशे की समस्या में पंजाब की हालत अब कई राज्यों से बेहतर हो चुकी है। चीमा ने कहा कि राजस्थान, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों की स्थिति नशे के मामले में पंजाब से भी खराब है। इन तीनों राज्यों में बीजेपी की सरकारें हैं और वहां हालात और चिंताजनक बताए गए हैं। पंजाब सरकार लगातार नशा खत्म करने के लिए अभियान चला रही है।

गुजरात पर गंभीर आरोप लगाए गए

मंत्री हरपाल चीमा ने अपने बयान में गुजरात पर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि जब भी देशभर में नशे के बड़े मामलों की जांच होती है, उसका धागा गुजरात के बंदरगाहों से जुड़ा मिलता है। उन्होंने यह भी कहा कि पंजाब को बदनाम करने की बजाय उन जगहों पर ध्यान देना चाहिए, जहां से नशा आता है। चीमा ने कंगना को सलाह दी कि वह गुजरात जाकर सर्वे करें और देखें कि वहां से किस स्तर पर नशे की सप्लाई देशभर में होती है। इस बयान के बाद बहस और भी तेज हो गई।

कंगना पर लगातार विवाद होते रहे

कंगना रनौत के बयान विवादों में अक्सर रहते हैं। कभी महिलाओं पर दिए बयान को लेकर, तो कभी किसी समुदाय पर टिप्पणी को लेकर वे सुर्खियों में रहती हैं। उनका कहना होता है कि वह सच बोलती हैं, लेकिन कई बार उनका सच लोगों को गलत लगता है। इस बार भी पंजाब को लेकर उनका बयान राजनीति में नई बहस छेड़ गया। मंत्री चीमा ने कहा कि कंगना को अपने शब्दों पर नियंत्रण रखना चाहिए, क्योंकि उनके बयान समाज में गलत संदेश देते हैं।

सोशल मीडिया पर खूब हंगामा

कंगना के बयान के बाद सोशल मीडिया पर हलचल मच गई। ट्विटर और फेसबुक पर लोग लगातार इस मुद्दे पर पोस्ट कर रहे हैं। कई लोग कंगना का समर्थन कर रहे हैं और कह रहे हैं कि नशा वाकई पंजाब में बड़ा मुद्दा है। वहीं, अधिकतर लोग उनका विरोध कर रहे हैं और कह रहे हैं कि कंगना ने पंजाब को बिना सोचे-समझे बदनाम कर दिया। यह विवाद धीरे-धीरे पूरे देश की चर्चा का विषय बन गया है।

नशा खत्म करने की बड़ी चुनौती

देश में नशा खत्म करना आज भी एक बड़ी चुनौती बना हुआ है। चाहे पंजाब हो, गुजरात हो या फिर उत्तर प्रदेश, हर राज्य किसी न किसी रूप में नशे की समस्या से जूझ रहा है। सरकारें लगातार इस दिशा में कदम उठा रही हैं, लेकिन नशे की सप्लाई रोक पाना सबसे कठिन काम साबित हो रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक तस्करी पर पूरी तरह रोक नहीं लगेगी, तब तक युवाओं को नशे से बचाना मुश्किल होगा।

 

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