गढ़शंकर, 14 जुलाई : पिछले दिनों हुई मूसलाधार बारिश के बाद रामपुर की पंचायत द्वारा जंगली रकबे से हिमाचल प्रदेश के क्रेशर संचालको को दिए अवैध रास्ते से आये तेज रफ्तार से बारिश के पानी ने गढ़शंकर के करीब दस गांवों में बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न कर दिए थे। इस पानी के कारण करीब 5 हजार एकड़ रकबे की फसलों को बर्बाद कर दिया वहीं जंगली वनस्पतियों को भी नष्ट कर दिया। इस रास्ते से हिमाचल प्रदेश के गोंदपुर की पहाड़ियों का पानी भी अब पंजाब की तरफ आना शुरू हो गया है जो आने वाले समय में भारी मुसीबत का कारण बन सकता है। इस पानी के कारण यह रास्ता 40 से 50 फिट चौड़ा हो गया है। सी. पी. आई. एम. के राज्य सचिव व पंजाब किसान सभा के उपप्रधान गुरनेक सिंह भजल ने कहा कि पंचायत द्वारा सरकार के दबाव में इस रास्ते को मंजूरी देने से इस रास्ते से नशा व वन लकड़ी की तस्करी बढ़ गई है और वहीं इस रास्ते हिमाचल प्रदेश से आये पानी के चलते गढ़शंकर के 15 गांवों में बाढ़ जैसे हालात खड़े हो गए थे। गौरतलब है कि करीब चार वर्षों से रामपुर की पंचायत द्वारा हिमाचल प्रदेश के क्रेशर संचालक को डेढ लाख रुपये महीना पर अपने जंगलों से रास्ता दिया था। इस रास्ते की मंजूरी विभिन्न विभागों द्वारा दी गई थी लेकिन इस रास्ते को दो क्रेशर संचालक इस्तेमाल कर रहे हैं, इस तरफ यहां जंगलात विभाग आंखे बंद किये बैठा है। अक्टूबर 2022 में जंगलात विभाग के कर्मचारियों ने अपने उच्च अधिकारियों को रास्ते के कारण वाटरशेडों की हो रही बर्बादी व दफा 4,5 के उल्लंघन और नष्ट हो रही जंगली वनस्पतियों के संबंध में रिपोर्ट की थी लेकिन उस पर कोई कारवाई नही की गई। इस रास्ते से ओवरलोड टिप्पर विभिन्न गांवों से होते हुए गढ़शंकर जाते है जिसके चलते नहर किनारे बनाई गई सड़क कई स्थानों से कमजोर हो गई और बारिश के पानी का दबाव न सहते हुए पांच स्थानों से नहर टूट गई और यही पानी खेतों व घरों में भर गया। लोगों का कहना है कि कुदरती रास्ते से आता पानी नुकसान नहीं पहुंचाता पर खनन माफिया द्वारा रास्तो को साफ रखने के लिए भारी संख्या से पेड़ काट देने के कारण तेज रफ्तार से आये पानी ने तबाही मचा दी। लोगों का कहना है कि कंडी नहर का निर्माण बंजर भूमि को उपजाऊ बनाने के मकसद से किया गया था और नहर किनारे सड़क नहर का रखरखाव के लिए बनाई गई थी लेकिन इसे इस्तेमाल खनन माफिया कर रहा है।
नहर के रखरखाव के लिए है सड़क :एक्सईएन कंडी नहर
इस संबंध में कंडी नहर के एक्सईएन सिदार्थ वर्मा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि हर की सड़क नहर के रखरखाव के लिए बनाई गई है। उन्होंने कहा कि भारी टिप्परों को रोकने के लिए कई बार बेरिकेडिंग की गई थी लेकिन हर बार तोड़ दी गई जिसके कारण नहर खस्ताहाल हो गई है।
इस संबंध में डी. एफ. ओ नवाशहर हरभजन सिंह ने कहा कि उन्होंने अभी चार्ज लिया है वह मुआयना करने के बाद नियमों के अनुसार कारवाई की जाएगी।