एएम नाथ। शिमला : ऑनलाइन फ्रॉड यानी साइबर ठगी के मामले दिन-ब-दिन बढ़ते जा रहे हैं. हिमाचल प्रदेश में इस साल मात्र साढ़े तीन महीनों में ही पुलिस के पास 5500 से अधिक साइबर ठगी के मामले दर्ज हो चुके हैं।
जो कि प्रदेश पुलिस का साइबर सेल के लिए सिरदर्द बन रहे है।
साइबर टीम ने हाल ही में शिमला से ठगी का शिकार हुए एक व्यक्ति के 92 लाख रुपये शातिरों के खातों से वापिस दिलाए हैं. यह राशि ऑनलाइन की गई 1500 से अधिक ट्रांजैक्शन के जरिए विभिन्न खातों में ट्रांसफर की गई थी. ऑनलाइन टास्क गेमिंग के जरिए अपने जाल में फंसाया और 92 लाख रुपए खाते से उड़ा लिए।
ऑनलाइन टास्क गेमिंग…..
साइबर क्राइम में तैनात डीएसपी विपिन कुमार ने बताया कि शिमला के इस व्यक्ति को ठगों ने ऑनलाइन टास्क गेमिंग के माध्यम से फंसाया था, जिसमें व्यक्ति को बार-बार विभिन्न टास्क पूरे करने को दिए जाते थे. शुरू में शख्स को गेम के माध्यम से कुछ पैसे वापस भी मिले लेकिन आखिर में उनके सारे पैसे ठग लिए गए. विपिन कुमार ने बताया कि साइबर ठग अलग-अलग तरीके अपनाकर ठगी को अंजाम दे रहे हैं, जिसमें ऑनलाइन गेमिंग, ओटीपी, एटीएम फ्रॉड और साइबर अरेस्ट जैसे तरीके अपनाएं जा रहे हैं।
पुलिस द्वारा सतर्क करने के बावजूद लोग इस जाल में फंस रहे हैं. उन्होंने बताया कि यदि किसी व्यक्ति के साथ ठगी होती है तो वह बेझिझक साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर पुलिस को शिकायत दर्ज करा सकता है. इस नंबर पर साइबर धोखाधड़ी से बचने के लिए सुझाव भी दिए है।
डीएसपी साइबर क्राइम विपिन कुमार : देश में हर रोज 63 करोड़ और हिमाचल में 31 लाख रुपये से ज्यादा की साइबर ठगी हो रही है. सरकारी आंकड़ों पर गौर करें तो पिछले एक साल में देश में करीब 22,851 करोड़ और 114 करोड़ रुपये साइबर ठगों ने लूटे हैं. हिमाचल के हर तीसरे व्यक्ति को साइबर अपराधी ठगने का प्रयास करते हैं. ठगी का शिकार करीब तीस फीसदी लोग ही पुलिस में शिकायत दर्ज करवा रहे हैं।
आंकड़ों पर नजर डालें तो हिमाचल में ठगों ने पांच साल में 156.25 करोड़ रुपये लूटे और इसमें भी सबसे ज्यादा 114 करोड़ की ठगी साल 2024 में हुई है. बीते पांच वर्ष के दौरान 16 अप्रैल 2025 तक साइबर थानों में कुल 39,072 शिकायतें हुई हैं. इनमें से 22 हजार से अधिक शिकायतें वित्तीय ठगी से जुड़ी है।