गढ़शंकर। पंजाब राज्य बिजली बोर्ड के निजीकरण ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। लोग अपने विभागीय कामों में महीनों फंसे रहते हैं और दफ्तरों के चक्कर काटते रहते हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती। यह शब्द सीपीआईएम राज्य सचिवालय के सदस्य एवं जिला सचिव होशियारपुर गुरनेक सिंह भज्जल ने प्रेस को बयान में कहे। उन्हीनों कहा कि निजी ठेकेदारों को बिजली के नए काम और मरम्मत का काम सौंपा जाता है। इन ठेकेदारों के सामने जेई, एचडीयू और एक्सईएन बेबस नजर आते हैं। जो अधिकारी निचले अधिकारियों को आदेश देकर काम करवाते थे, आज वे ठेकेदार के आदेश का इंतजार करते हैं। जब ठेकेदार से काम के बारे में पूछा जाता है तो वह लेबर की कमी का बहाना बनाकर मना कर देता है। पंजाब सरकार रोजाना नौकरियां देने की घोषणा करते नहीं थकती और फिर ये नौकरी करने वाले किस विभाग में काम करते हैं? बिजली विभाग में तो सरकारी कर्मचारियों को मास्क तक नहीं पहनने दिया जाता। इस व्यवस्था के तहत लोगों को लूटा जा रहा है और सुरक्षित तरीके से भ्रष्टाचार का रास्ता खोला गया है। लोग शर्मिंदा हैं। भ्रष्टाचार को रोकने के लिए सरकार को पक्के कर्मचारियों की भर्ती करनी चाहिए। लोगों को निजीकरण के खिलाफ संघर्ष शुरू करने के लिए लामबंद होना चाहिए।