गढ़शंकर : पंचायतों, नगर परिषदों, ब्लॉक समितियों, नगर निगमों और निगमों के चुनावों के लिए मतदान केंद्र पर ही गिनती करने की परंपरा को बंद करके, विधानसभा और लोकसभा चुनावों की तरह अधिक सुरक्षा व्यवस्था के तहत अलग-अलग मतगणना केंद्र और अलग-अलग मतगणना कर्मचारी लगाने , छात्र व बोर्ड परीक्षा, पंजीकरण, निरंतरता, जुर्माना और विलंब शुल्क में अनुचित वृद्धि को रोकने और शिक्षा अधिकारियों के अहंकारी रवैये पर अंकुश लगाने के लिए डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट के प्रतिनिधिमंडल ने डिप्टी स्पीकर जय कृष्ण सिंह रौड़ी के ओएसडी चरणजीत सिंह चन्नी को मिलकर मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नाम का ज्ञापन सौंपां ।
इस दौरान डीटीएफ नेता प्रदेश महासचिव मुकेश कुमार जिला अध्यक्ष सह प्रदेश प्रचार सचिव सुखदेव डानसीवाल ने कहा कि हजारों शिक्षक जो पिछले समय में पंचायत एवं अन्य स्थानीय निकाय चुनाव में बड़े पैमाने पर ड्यूटी करते हुए चुनावों के दौरान वोट डलवाने और .मतगणना का काम करते है । उन कर्मचारियों के साथ गत समय में हुई अप्रिय घटनाएं के कारण उन्हें डर सताने लगा हैं । दरअसल, पिछले पंचायत और नगर निगम चुनाव के दौरान कई जगहों पर वोटिंग और काउंटिंग के दौरान मारपीट की घटनाएं हुई थीं, कई जगहों पर चुनाव कर्मचारियों ने अपनी जान बचाकर भाग बचाई थी और कई गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
इन चुनावों के दौरान ड्यूटी का पारिश्रमिक मिलना तो दूर, मतदान केंद्र पर समय पर चुनाव ड्यूटी करने वाले चुनाव कर्मियों को अपूर्ण चुनाव सामग्री, भोजन, पानी और आवास आदि की व्यवस्था में भी काफी परेशानी होती है । एक-एक वोट के लिए आमने-सामने की लड़ाई के कारण माहौल बेहद तनावपूर्ण बना होता है। . इन सबको देखते हुए हमारी मांग है कि इन चुनावों में भी विधानसभा और लोकसभा चुनावों की तरह अधिक सुरक्षा व्यवस्था के तहत अलग-अलग मतगणना केंद्र और अलग-अलग मतगणना कर्मचारी लगाए जाएं।. इन चुनावों के दौरान चुनाव कर्मचारियों के चुनाव ड्यूटी पारिश्रमिक, भोजन-पानी और आवास की पर्याप्त व्यवस्था की जानी चाहिए।
अध्यापक नेता हंस राज व सतपाल कलेर, मनजीत बिंजो, विनय कुमार ने कहा कि पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा छात्रों की फीस और जुर्माने में भारी बढ़ोतरी का मुख्य कारण पंजाब सरकार को शिक्षा बोर्ड का 600 करोड़ से अधिक का लंबित भुगतान है। जिसका खामियाजा छात्रों और स्कूल शिक्षकों को फीस और उससे भी अधिक जुर्माने के रूप में और शिक्षा बोर्ड के कर्मचारियों को वेतन और पेंशन पर प्रतिबंध के रूप में भुगतना पड़ रहा है। नेताओं ने कहा कि वह इस मुद्दे को लेकर 18 अक्टूबर को बोर्ड के चेयरपर्सन से मिले थे, लेकिन अभी तक इन मांगों का कोई सार्थक समाधान नहीं हो पाया है, बल्कि बोर्ड चेयरपर्सन का पंजाबी भाषा की जानकार ना होने के चलते उनका रवैया पूरी तरह से छात्र-शिक्षा विरोधी के रूप में दिखा । इसलिए, हम पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान से अनुरोध करते हैं कि वे इन भुगतानों का तुरंत भुगतान करें और मांग पत्र में शामिल छात्रों के मुद्दों का समाधान करें।
इस मौके पर बलजीत बोड़ा , संदीप कुमार, जगदीप सिंह, मंजीत बिंजो, दिलावर सिंह, जसविंदर फरीदकोट, जसप्रीत कुमार, तरलोचन सिंह, दलविंदर सिंह, हरजिंदर सिंह, सतनाम बांगर, दीवान चंद गुरमेल सिंह जरनैल डगाम आदि मौजूद थे।