श्री अकाल तख्त साहिब सचिवायल में मंगलवार को पांच सिंह साहिबान की बैठक में कई फैसलों पर मुहर लगी है। फैसलों में तख्त श्री पटना साहिब के पूर्व जत्थेदार ज्ञानी इकबाल सिंह पर धर्म प्रचार की गतिविधियों पर रोक लगा दी गई है। बैठक में श्री अकाल तख्त साहिब में कार्यवाहक जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह, श्री अकाल तख्त साहिब के मुख्य ग्रंथी ज्ञानी मलकीत सिंह, तख्त श्री दमदमा साहिब के मुख्य ग्रंथी ज्ञानी जगतार सिंह, तख्त श्री केसगढ़ साहिब के मुख्य ग्रंथी ज्ञानी जोगिंदर सिंह और श्री अकाल तख्त साहिब से पंज प्यारा ज्ञानी मंगल सिंह उपस्थित थे।
अकाल तख्त साहिब के कार्यवाहक जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह ने कहा कि पांच सिंह साहिबान की बैठक में निर्णय लिया गया कि तख्त श्री पटना साहिब के पूर्व जत्थेदार ज्ञानी इकबाल सिंह को पूर्व में उनके द्वारा की गई गलतियों के लिए श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा प्रस्ताव संख्या 4 नानकशाही संवत 556, 15 जुलाई 2024 के माध्यम से धार्मिक सजा लगाई गई थी। जिसमें उन्होंने गलती को स्वीकार का माफी मांगी थी। लेकिन उसके बाद भी उनके खिलाफ श्री अकाल तख्त साहिब को शिकायतें मिल रही हैं और बहुत गंभीर आरोप लगाए गए हैं। इसलिए जब तक वे अकाल तख्त साहिब में उपस्थित होकर अपने पर लगे आरोप स्वीकार नहीं करते तथा उन पर लगे आरोपों के लिए धार्मिक सजा नहीं लगवाते, तब तक उन्हें पंथिक गतिविधियों व सिख धार्मिक कार्यक्रमों में भाग लेने पर पूर्ण रोक लगाई जाती है। उनकी धार्मिक सेवाओं पर प्रतिबंध आज से लागू किया जाता है।
पंज सिंह साहिबों ने सर्वसम्मति से फैसला लिया है कि पूर्व पंज प्यारे श्री अकाल तख्त साहिब, गुरुपुर निवासी ज्ञानी मलकीत सिंह जी (खंडूर) को गुरबाणी संथिया प्रदान करने की निभाई गई सेवाओं की सराहना करते हुए श्री अकाल तख्त साहिब से परिवार में उनकी पत्नी को सम्मानित किया जाएगा। इसी प्रकार, गुरुद्वारा श्री फतेहगढ़ साहिब के मुख्य ग्रंथी ज्ञानी हरपाल सिंह को सफर-ए-शहादत के माध्यम से दसवें गुरु श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के पुत्रों की शहादत का प्रचार करने में उनकी सेवाओं के लिए सराहना की जाती है। उन्हें श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा सम्मानित किया जाएगा।
फैसला लिया है कि प्रत्येक गुरसिख को, जहां भी वह अपने दैनिक अनुष्ठान करता है, घर पर सोने से आधा घंटा पहले गुरु के इतिहास और सिख इतिहास से संबंधित कहानियां बच्चों को सुनाने की परंपरा को पुनर्जीवित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। ताकि बच्चे सिख मूल्यों का अधिक से अधिक ज्ञान प्राप्त कर सकें और सिख धर्म के प्रति प्रेम बढ़ा सकें।
पूरे सिख जगत को अदेश दिए जाते है कि प्रत्येक सिख की अंतिम अरदास के दौरान सादा लंगर तैयार करना चाहिए तथा गुरु के लंगर की मूल भावना और परंपराओं का पालन करना चाहिए। बचाया गया पैसा जरूरतमंद बच्चों की मदद पर खर्च किया जाना चाहिए। पांचों सिंह साहिबानों ने महसूस किया कि आज पंजाब में धार्मिक प्रचार आंदोलन को तेज करने की सख्त जरूरत है। ताकि हर सिख गुरु साहिब जी के दर्शन से अवगत हो सके। इसलिए विश्व भर के सिख संगठनों के प्रचारक, रागी और कवि अपने घरेलू और विदेशी दौरों के अलावा पंजाब लौटें और अगले चार महीनों के लिए पंजाब के दस गांवों का चयन करके उनमें प्रचार के लिए खुद को समर्पित करें।
सिंह साहिबानों ने 14 जून 2018 को श्री अकाल तख्त साहिब से पारित प्रस्ताव संख्या 1 दिनांक 32 जेठ नानकशाही 550 की रोशनी में विचार को आगे बढ़ाते हुए फैसला लिया कि शहर की संगतों और गुरुद्वारा कमेटियों को गुरुद्वारों में सेवा कर रहे ग्रंथी सिंहों, कीर्तनियों और सेवादारों के परिवारों की अच्छी परवरिश और उनके बच्चों की शिक्षा की ओर पूरा ध्यान देना चाहिए। श्री अकाल तख्त साहिब के प्रस्ताव के बाद हालांकि अनेक गुरु घरों के ग्रंथी सिंहों, कीर्तनिया सिंहों व सेवादारों को सम्मानित किया गया है, परंतु अभी भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है।
फैसला किया कि खालसा स्थापना दिवस 13 अप्रैल 2025 को मनाया जा रहा है। इस दिन पूरी दुनिया में विशेष गुरमत समारोह और बड़े पैमाने पर अमृत संचार का आयोजन किया जाना चाहिए। तख्त साहिबों पर अमृत संचार भी आयोजित किया जा रहा है वहां जाकर अमृतपान किया जाए।हर सिख को एक-दूसरे के सुख-दुख में भागीदार बनना चाहिए।