गढ़शंकर : श्री गुरु रविदास के ऐतिहासिक तपस्थल श्री खुरालगढ़ साहिब में गुरु अर्जन देव महाराज जी की जयंती श्रद्धापूर्वक मनाई गई। इस अवसर पर तप स्थान श्री खुरालगढ़ साहिब के मुख्य सेवक बाबा केवल सिंह ने संगत को श्री गुरु अर्जुन देव महाराज जी के इतिहास और गुरबाणी से जोड़ा। उन्होंने बताया कि श्री गुरु अर्जुन देव महाराज जी का जन्म वर्ष 1563 ई. में चौथे गुरु श्री गुरु रामदास महाराज जी के घर गोइंदवाल साहिब, तरनतारन में माता भानी जी की कोख से हुआ था। धन गुरु अर्जन देव महाराज जी ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब महाराज जी की बानी की रचना की। उन्होंने सदियों से चली आ रही जाति प्रथा, सती प्रथा, दहेज प्रथा आदि का खंडन किया तथा संगत को सत्य के मार्ग पर चलने की शिक्षा दी। इस अवसर पर हजारों की संख्या में संगत ने गुरु घर पहुंचकर कार्यक्रम में भाग लिया। श्रद्धालुओं ने गुरु घर में लंगर छका। इस अवसर पर समिति के सदस्य, मुख्य सेवादार बाबा केवल सिंह , बाबा सुखदेव सिंह , बाबा हरभजन सिंह , बाबा नरेश सिंह , मक्खन सिंह वाहिदपुरी, चौधरी जीत सिंह, बिंदर सिंह, सतपाल सिंह और डॉ. जसवीर विक्की जी उपस्थित थे।